रांची(ब्यूरो)। नगर निगम क्षेत्र में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य होता है। नवजात के जन्म के बाद हॉस्पिटल की ओर से जन्म का प्रमाण दिया जाता है, लेकिन वह वैलिड नहीं माना जाता है। नगर निगम से बने सर्टिफिकेट ही मान्य होते हैं। हालांकि नगर निगम से बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए हॉस्पिटल से दिए गए प्रमाण पत्र को अटैच करना होता है। इसे देखते हुए अब नगर निगम ने सभी हॉस्पिटल को आईडी जारी करने का निर्णय लिया है। जन्म व मृत्यु से संबंधित आंकड़ा रांची नगर निगम के पास अवेलेबल हो इसे देखते हुए ही यह पहल की गई है।

दस दिनों में सभी को आईडी

नगर निगम की ओर से अब तक 54 हॉस्पिटल को आईडी दी जा चुकी है। आने वाले दस दिनो में निगम क्षेत्र में पडऩे वाले सभी हॉस्पिटल को लॉगइन आईडी उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में सहायक प्रशासक ने आम सूचना जारी कर दी है। अस्पताल संचालकों से हॉस्पिटल का नाम, पता, ई-मेल आइडी व संपर्क नंबर जमा करने को कहा है। इस लॉगइन आइडी के माध्यम से सभी अस्पताल अपने यहां होने वाले जन्म व मृत्यु की सूचना 21 दिनों के अंदर नगर निगम को उपलब्ध कराएंगे, ताकि ऐसे लोगों को प्रमाण पत्र आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।

21 दिनों में सर्टिफिकेट बनवाना जरूरी

जन्म-मृत्यु अधिनियम 1969 एवं झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 की नियमावली के अनुसार बच्चों के जन्म के 21 दिनों के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य है। लेकिन पेरेंट्स अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाते, जिसका खामियाजा उन्हें स्कूल में अपने बच्चों का एडमिशन कराने में भुगतना पड़ता है। दरअसल, इन दिनों सभी स्कूलों में एडमिशन के समय बर्थ सर्टिफिकेट की मांग की जाती है, जिसे बनवाने के लिए पेरेंट्स निगम का चक्कर लगाते हैं। कई बार फर्जी सर्टिफिकेट जमा करने का भी मामला सामना आ चुका है। इसे देखते हुए ही नगर निगम अब सीधे अस्पताल के कॉन्टेक्ट में रहेंगे।

बर्थ सर्टिफिकेट में काफी मशक्कत

जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत स्कूल में एडमिशन लेने से लेकर नौकरी ज्वाइनिंग तक में पड़ती है। जितना अहम ये दस्तावेज हैं उतना ही पेंचीदा इन सर्टिफिकेट को बनवाना भी है। वैसे तो नगर निगम को इन सर्टिफिकेट को बनाने की जिम्मेवारी है। लेकिन सांख्यिकी पदाधिकारी और मजिस्टे्रट के वेरिफिकेशन के बाद ही सर्टिफिकेट जारी होता है, जिसमें आम लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इन सर्टिफिकेट बनाने की समय सीमा सात दिन तय है। लेकिन आवेदक महीनों नगर निगम और मजिस्ट्रेट ऑफिस के चक्कर लगाते रहते हैं। इसमें कई बार वे दलालों के भी चंगुल में फंस जाते हैं। इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए नगर निगम इस योजना पर काम कर रहा है।

आसान होगी प्रक्रिया

आने वाले दिनों में हॉस्पिटल से ही बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट जारी हो सकेगा। इस नियम के लागू होने के बाद आम लोगों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी। हॉस्पिटल को लॉगइन आईडी मिलने के बाद सर्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। आवेदक को ज्यादा परेशानी भी नहीं होगी। सारा प्रॉसेस हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से ही कर दिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम हॉस्पिटल के स्टाफ को ट्रेनिंग भी देगा, ताकि समय पर सभी आवश्यक पेपर अपलोड हो सकें। पेपर अपलोड होने के बाद दो-तीन दिन में सर्टिफिकेट बनकर तैयार हो जाएगा, जिसे हॉस्पिटल से ही प्राप्त किया जा सकेगा।

ऐसे होगा काम

तैयार प्रस्ताव के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र के सभी हॉस्पिटल्स को नगर निगम लॉगइन से कनेक्ट किया जाएगा। हॉस्पिटल में किसी बच्चे का जन्म होने पर हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा सारे जरूरी कागजात एक आवेदन के साथ नगर निगम के लॉगइन में अपलोड करेंगे। जहां रजिस्ट्रार द्वारा सभी पेपर की जांच कर सर्टिफिकेट तैयार कर इसे हॉस्पिटल के लॉगइन में अपलोड कर दिया जाएगा। जहां से बच्चे के माता-पिता आसानी से सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी इसी प्रक्रिया से काम होगा।