रांची:राजधानी रांची में कोरोना महामारी भयावह रूप ले चुकी है। एक ओर जहां प्रॉपर इलाज नहीं हो पाने के कारण मौत का आंकड़ा हर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं, शवों के अंतिम संस्कार में भी भारी फजीहत हो रही है। जी हां, कोरोना मरीजों का ग्राफ इस कदर बढ़ा है कि हॉस्पिटल्स में बेड नहीं मिल रहे हैं। हॉस्पिटल की चौखट पर पहुंचने के बावजूद मरीज दम तोड़ने लगे हैं। वहीं, लगातार बड़ी संख्या में मरीजों की हो रही मौत के कारण हरमू मुक्तिधाम, घाघरा मोक्षधाम में व्यवस्था कम पड़ने लगी है। हरमू मुक्तिधाम की शवदाह मशीन दोबारा खराब हो गई है तो दूसरी ओर घाघरा में शवों को जलाने के लिए लकड़ी कम पड़ने का मामला भी सामने आया है। आलम ये है कि मोक्षधाम में भी लंबी वेटिंग चल रही है। डेड बॉडी लाने वाले एंबुलेंस चालकों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है।

श्मशान में लंबी वेटिंग

रांची की स्थिति की भयावहता को बयां कर रही हैं श्मशान घाट में कतारबद्ध लगीं शव से भरी गाडि़यां। सोमवार को भी रांची में कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला। रांची के हरमू स्थित मोक्षधाम में शवदाह मशीन दोबारा खराब हो गई तो दूसरी ओर डोरंडा के घाघरा स्थित श्मशान घाट में लकडि़यां कम पड़ गईं।

रोड पर एंबुलेंस की कतार

सड़क पर एंबुलेंस की कतार लग गई है। सभी में कोरोना के मृतकों का शव है। हालांकि, तस्वीर बाहर आते ही जिला प्रशासन की नींद खुली और प्राथमिकता के आधार पर घाघरा के घाट पर लकडि़यों को पहुंचाया गया। जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक 5 बजे तक 38 शवों का संस्कार किया गया था। हालांकि एसडीओ 27 का ही आकंड़ा बता रहे हैं। एसडीओ ने कहा कि सभी शवों का दाह संस्कार 24 घंटे में हो जाएगा।

क्या कहता है प्रशासन

एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि पूरा प्रशासन इस बात के लिए अलर्ट है। उन्होंने बताया कि वे खुद घाघरा घाट की व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं और वहां कोई पेंडेंसी नहीं है। उन्होंने बताया कि हरमू मोक्ष धाम की मशीनें खराब हुई थीं, लेकिन अब उसे भी बना लिया गया है। वहां भी शवों के दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

संडे को 116 शवों का दाह संस्कार

रांची में रविवार को मौत का नया रिकार्ड बना। शहर के पांच श्मशानों और दो कब्रिस्तानों में 116 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इस साल एक दिन में इतने शव आने का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 15 अप्रैल को 100 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था। हालांकि, जिला प्रशासन के आंकड़े के अनुसार कोरोना से रोजाना पांच से आठ लोगों की ही मौत हो रही है। 18 अप्रैल को प्रशासन ने कोरोना से 11 मौतों का आंकड़ा जारी किया। लेकिन, श्मशान-कब्रिस्तान में लगे शवों की कतार कुछ और ही बयां कर रही हैं।