रांची(ब्यूरो)। सड़क पर ट्रैफिक पुलिस से बदतमीजी अब भारी पड़ सकती है। ट्रैफिक एसपी के निर्देश पर राजधानी के सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराया जा रहा है। सिटी के 118 पुलिस कर्मियों को सुगम यातायात व्यवस्था बनाए रखने की ट्रेनिंग दी गई है। इन पुलिस कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरा दिया गया है। इस कैमरे का इस्तेमाल धक्का-मुक्की करने वाले और पुलिस के साथ बदतमीजी करने वालों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने में किया जाएगा। राजधानी रांची में अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने के बाद यदि आप ट्रैफिक पुलिस से उलझे तो आपको यह भारी पड़ सकता है। नियम तोडऩे पर फाइन काटते समय पुलिसकर्मियों से बहस, हंगामा व धक्का-मुक्की की गई तो पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो जाएगी। इसके लिए तैनात ट्रैफिक पुलिस, कनीय पदाधिकारी व विशेष टीम में शामिल कर्मचारियों को अत्याधुनिक बॉडी वार्न कैमरा से लैस कर दिया गया है।

रिकॉर्डिंग साक्ष्य के तौर पर

सड़क पर वाहन चलाते वक्त कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। लोग ट्रैफिक रूल का पालन नहीं करते, टक्कर होने पर सड़क पर ही नोक-झोंक की स्थिति पैदा हो जाती है। कई पुलिस कर्मियों के साथ भी तू-तू मैं-मैं और बदतमीजी की शिकायतें आ चुकी हैं। लेकिन पुलिस कर्मियों के पास किसी तरह का साक्ष्य नहीं होने की वजह से आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। अब इस समस्या से भी निदान मिलेगा। बॉडी वार्न कैमरा में रिकार्ड होने वाले फुटेज को पुलिस जरूरत पडऩे पर साक्ष्य के रूप में भी प्रस्तुत कर सकेगी। ट्रैफिक पुलिस कर्मी शिवशंकर ने बताया कि फाइन करते वक्त कई लोग उलझ जाते हैं। हालांकि, उनका चालान तो काट दिया जाता है, लेकिन बदतमीजी की सजा नहीं मिल पाती। अब लोगों में भी नियमों के अनुपालन करने और पुलिस कर्मियों का सम्मान करने के प्रति जागरूकता आएगी। उन्होंने बताया कि यह साक्ष्य बाद में सरकारी काम में बाधा डालने, मारपीट किए जाने पर संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज करने में भी प्रमाण के तौर पर काम आएगा।

पुलिस कर्मियों को दी ट्रेनिंग

झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से रांची समेत राज्य भर के ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए 355 बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराए गए हैं। राजधानी रांची में फिलहाल 118 कैमरा दिया गया है। रांची के विभिन्न इलाकों में यातायात व्यवस्था बहाल रखने की ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को कैमरा हैंडल करने का भी प्रशिक्षण दिया गया है। कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा ट्रैफिक कंट्रोल रूम में कैमरा को कैसे आसानी से संचालित किया जा सकता है। कैमरा को क्लिप की मदद से वर्दी की जेब पर लगाया जा सकता है। कैमरा के जरिए ट्रैफिक पोस्ट या वाहन जांच के समय होने वाली एक्टिविटी को भी रिकार्ड किया जाएगा।

100 स्पॉट पर कैमरे से लैस जवान

शहर में 100 स्थानों पर यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। ट्रैफिक एसपी हारिश बिन जमां ने बताया कि राजधानी में वीआइपी, प्रमुख एवं व्यस्त मार्ग पर 40 ट्रैफिक पुलिस बूथ हैं। इसके अलावा अन्य इलाकों में कटिंग स्थल पर भी यातायात पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है। सभी 43 कनीय पुलिस पदाधिकारियों को सुगम यातायात और एमवी एक्ट के उल्लंघन पर चालक पर कार्रवाई करने की जिम्मेवारी दी गई है।

क्या है बॉडी वार्न कैमरा

यह एक ऐसी डिवाइस है जिसके लेंस में कैमरा इंस्टाल है। यह कैमरा चारों दिशाओं में घूम सकता है। इसमें 15 दिनों तक फुटेज स्टोर रखा जा सकता है। इस कैमरे को जीपीएस की मदद से कंट्रोल रूम से भी जोड़ा जा सकता है। इसका फायदा यह होगा कि कंट्रोल रूम से भी जवान की एक्टिविटीज पर नजर रखी जा सकती है।

ट्रैफिक के जवानों को बॉडी वार्न कैमरा से लैस किया गया है। वर्दी में लगे इस कैमरे में सभी एक्टिविटी रिकार्ड होती रहेंगी। जरूरत पडऩे पर इसका इस्तेमाल साक्ष्य के रूप में किया जाएगा।

-हारिश बिन जमां, ट्रैफिक एसपी, रांची