RANCHI:रांची में पिछले डेढ़ साल से बंद पड़े सरकारी स्कूलों की हालत ऐसी हो गई है कि अगर स्कूलों को खोलने की इजाजत मिल भी जाती है तो इनके मेंटेनेंस पर अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ेगी। सिटी में करीब 40 मिडिल स्कूल हैं, जिनके भवन जर्जर होने लगे हैं। पूरी बिल्डिंग में खर-पतवार उग आए हैं। ज्यादातर स्कूलों में असामाजिक तत्वों का अड्डा है। बेंच-डेस्क टूट रहे हैं। कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां कब्जा तक हो चुका है। लोगों ने किराया लगा दिया है और भाड़ा भी उठा रहे हैं। 'दैनिक जागरण - आई नेक्स्ट' ने जब सरकारी स्कूलों का मुआयना किया तो पता चला कि अधिकतर स्कूलों में कभी कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी नहीं आते। इस वजह से स्थानीय लोग इन स्कूलों को अपने हिसाब से इस्तेमाल कर रहे हैं।

अधिकारियों ने नहीं दिया जवाब

स्कूलों की दुर्दशा को लेकर जब रांची के डीईओ अरविंद बिजय बिलुंग को कॉल किया गया, तो उन्होंने चार बार भी फोन नहीं उठाया। इसके अलावा रांची डीएसई के फोन पर भी लगातार रिंग होता रहा, लेकिन उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया।

यहां लगाई जाती हैं गाडि़यां

गवर्नमेंट ग‌र्ल्स स्कूल के पीछे स्थित बरियातू मध्य विद्यालय की हालत बेहद खराब है। लोग अपनी गाडि़यां इस स्कूल के कैंपस में खड़ी करते हैं। असामाजिक तत्वों का अड्डा तो बना ही है, पूरे भवन की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। कभी इस बिल्डिंग का मुआयना करने के लिए अधिकारी आते नहीं, इस वजह से खाली पड़ी इमारत को लोग अपने हिसाब से इस्तेमाल कर रहे हैं।

चूहों का अड्डा बन गया स्कूल

थड़पखना स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में चूहों का आतंक है। स्कूल कैंपस में रखी किताबें और रिकॉ‌र्ड्स चूहे कुतर रहे हैं। बड़ी संख्या में दस्तावेज बर्बाद हो चुके हैं। ऐसी स्थिति हो गई है कि किताबें दोबारा यूज नहीं हो सकतीं। इस स्कूल को वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है। यहां के बेंच-डेस्क भी टूटकर बर्बाद हो रहे हैं। अधिकतर क्लासरूम बंद हैं, जिनकी सफाई भी नहीं हो रही है।

स्कूल में लग गया किराया

कृष्णा नगर कॉलोनी रातू रोड स्थित सरकारी स्कूल में कुछ लोग रहने लगे हैं। खबर है कि इसमें किराया लग चुका है। कुछ लोग अपने स्तर से किराया भी उठा रहे हैं। यहां लोगों का पूरा परिवार रह रहा है। स्कूल के सामान भी धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। पूरा परिसर रिहायश के लिए इस्तेमाल हो रहा है। यहां भी बेंच डेस्क टूट चुके हैं और कई बेंच तो रातो-रात गायब भी हो चुके हैं।