- सिटी के एंट्री प्वाइंट पर पीसीआर और आरटीओ का खौफ

- ट्रांसपोर्टर हो गए परेशान, बिना पेशगी के नहीं पार हो रही गाड़ी

- एक हफ्ते पहले ही पूरी पीसीआर 29 की गई थी निलंबित

- 500 से 5000 रुपए तक की वसूली

राजधानी रांची में प्रवेश करने से पहले ट्रक ड्राइवर्स को चढ़ावा चढ़ाना होता है। यह चढ़ावा आरटीओ के पदाधिकारी एवं पीसीआर के जवानों को चढ़ाया जाता है। रांची के एंट्री प्वाइंट पर ही आरटीओ के पदाधिकारी और पीसीआर के जवान ट्रक ड्राइवर्स से वसूली कर रहे हैं। नजराना नहीं देने पर तरह-तरह के नियम बता कर फाइन लगाने की बात कह डराया जा रहा है। यह बात ट्रक ड्राइवर्स ने खुद डीजे-आई नेक्स्ट से शेयर की है। नाम नहीं छापने के शर्त पर एक ट्रक ड्राइवर ने बताया कि पैसा वसूलने का खेल हर दिन होता है। जैसे ही किसी सिटी के एंट्री प्वाइंट पर गाड़ी लेकर आते हैं, गाड़ी को हाथ देकर रुकवाया जाता है। फिर कागज के नाम पर आधा घंटा परेशान किया जाता है। सभी पेपर होने के बाद भी रोक कर रखा जाता है। कभी वर्दी, कभी जूता, कभी मेडिकल किट तो कभी कुछ और कमी बता कर दस हजार से लेकर एक लाख रुपए तक तक फाइन काटने की बात कह कर डराया जाता है। किसी तरह के पचडे़ में फंसने के डर से हमलोग पैसा देकर आगे बढ़ जाना ही बेहतर समझते हैं।

हर एंट्री प्वांइट पर वसूली करने वाले

रांची के अलग-अलग एंट्री प्वाइंट पर वसूली करने के लिए कर्मचारी तैनात रहते हैं। नगड़ी, तुपुदाना, खेलगांव, नामकुम, रिंग रोड, ओरमांझी समेत अन्य इलाकों में ट्रक ड्राइवर्स से वसूली किया जाता है। कहीं पीसीआर के जवान तो कहीं आरटीओ के पदाधिकारी ट्रकों की ताक में खडे़ रहते हैं। ट्रक ड्राइवर ने बताया कि सबसे ज्यादा आरटीओ के पदाधिकारी परेशान करते हैं। बिना कुछ नजराना लिए ट्रकों को सिटी में एंट्री नहीं दी जाती है। ड्राइवर के पास रुपए हैं या नहीं इससे भी उन कर्मचारियों को फर्क नहीं पड़ता। ये लोग किसी भी तरह से अरेंज कर पैसा जमा करने को कहते हैं। नहीं करने पर गाड़ी थाने में लगाने को कहा जाता है।

500 से 5000 तक वूसली

सिटी में हर हेवी व्हीकल से अलग-अलग 'एंट्री फीस' ली जाती है। दस चक्का, ट्रक, टेलर आदि से प्रति गाड़ी 500 से लेकर 5000 हजार रुपए तक वसूली की जाती है। पीसीआर के जवान गाडि़यों की एंट्री पर हर गाड़ी से 500-700 रुपए लेते हैं, तो वहीं आरटीओ के कर्मचारी 2000 रुपए से 5000 हजार रुपए ले लेते हैं। ट्रक की हाइट ज्यादा होने पर पांच हजार रुपए से भी ज्यादा वसूल लिये जाते हैं। इन पैसों के बदले किसी तरह रसीद भी नहीं दी जाती है। यदि किसी फाइन के बदले रसीद दी भी गई तो 1500 रुपए का रसीद काटकर पांच हजार रुपए लिया जाता है। दूसरे स्टेट से आनी वाली गाड़ी के ड्राइवर्स को ज्यादा परेशान किया जाता है।

पीसीआर जवान हुए थे सस्पेंड

25 जुलाई को ही रातू थाना क्षेत्र से एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें पीसीआर 29 का एक जवान पशु लदे ट्रक ड्राइवर से पैसे लेकर ट्रक को आगे बढ़ने की अनुमति दे देता है। दस सेकेंड का यह वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ। एसएसपी को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने मामले की जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाया गया। इसके बाद पीसीआर 29 के पांच जवानों को सस्पेंड कर दिया गया। यदि पैसे लेने वाला यह वीडियो वायरल नहीं होता, तो पीसीआर 29 के जवानों द्वारा यह सिलसिला चलता रहता। इस मामले में ट्रक ड्राइवर ने ही खुलासा करते हुए कहा था कि हर इलाके में पुलिस वालों को 'खुश' करना ही पड़ता है। बिना नजराना दिए उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति ही नहीं दी जाती। पैसे मिलते ही सारी रुकावटें खत्म हो जाती हैं और बगैर किसी रोक-टोक के आसानी से पार हो जाते हैं।

क्या कहते हैं भुक्तभोगी

जी हां, यह बिल्कुल सच है कि ट्रक ड्राइवर्स से रास्तों में पैसे की डिमांड की जाती है। नहीं देने पर गाड़ी को काफी देर तक बगैर किसी गलती के रोका जाता है। कभी-कभी थाना ले जाने की बात कही जाती है। ज्यादा परेशानी बाहर से आने वाली गाड़ी ड्राइवर को झेलनी पड़ती है। पीसीआर और आरटीओ दोनों के कर्मचारी पैसे वसूलते हैं। इसमें रोक लगनी चाहिए।

विजय मेहता, मेहता ट्रांसपोर्ट

मैं हर दिन गाड़ी लेकर आता हूं और हर दिन मुझे यह परेशानी झेलनी पड़ती है। पीसीआर वाले तो पांच सौ रुपए में मान जाते हैं, लेकिन आरटीओ अफसर की डिमांड ज्यादा रहती है।

अजहर, ट्रक ड्राइवर

पैसा तो देना ही पड़ता है। नहीं देने पर फाइन लगाने की बात कह कर डराया जाता है। अपने ओनर से बात करके पैसा दे देते हैं। पैसा पुलिस भी लेती है और आरटीओ वाले भी।

सुमीत, ट्रक ड्राइवर

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एक मामला सामने आया था, जिस पर त्वरित कार्रवाई की गई। फिर यदि कोई ऐसा मामला आता है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।

एसके झा, एसएसपी रांची