रांची(ब्यूरो)।रांची में केबल के माध्यम से टीवी पर विभिन्न चैनल्स का लुत्फ उठा रहे लोगों के लिए चौंकाने वाली खबर है। जल्द ही केबल से जुड़े सेट टॉप बाक्स काम करना बंद कर सकते हैैं। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि नगर निगम ने सभी केबल टीवी ऑपरेटर से सिटी के भीतर सड़कों लगे बिजली के खंभे पर झूल रहे तार हटाने को कहा है। इसके लिए सिर्फ 72 घंटे का वक्त दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक सिटी में करीब 6000 किलोमीटर तार केवल केबल टीवी के संचालन के लिए एक से दूसरी जगह तक भेजे गए हैैं। इतने बड़ी फासले को तीन दिनों के भीतर किसी और माध्यम से पाटने का आदेश अगर प्रभावी होता है, तो लाखों घरों पर लोकल सेट टॉप बाक्स के जरिए चल रहे चैनल्स बंद हो जाएंगे।
आम सूचना की गई जारी
रांची नगर निगम द्वारा डिवाइडर के ऊपर लगे बिजली पोल पर अब तार व अन्य सामग्री लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उप नगर आयुक्त ने आम सूचना जारी कर कहा है कि विभिन्न कंपनियों, एजेंसिंयों के द्वारा विभिन्न प्रायोजन के लिए तार बांधा गया है। ऐसी सभी कंपनियों, एजेंसिंयों को निर्देश दिया गया है कि 3 दिन के अंदर डिवाइडर के पोल पर लगे बिजली पोल पर से तार हटा लें। ऐसा नहीं करने पर रांची नगर निगम के द्वारा बिजली पोल से तार को हटा दिया जाएगा।
मेन रोड से लेकर गलियों तक केबल
सिटी में मेन रोड (महात्मा गांधी रोड) से लेकर पॉश कॉलोनियों में लगे बिजली के पोल डिश केबल कनेक्शन का काम कर रहे हैं। केबल ऑपरेटर का हौसला इतना बढ़ गया है कि नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए वे केबल का तार बिजली के पोल के जरिए घरों तक पहुंचा रहे हैं। दिलचस्प यह है कि बिजली के पोल पर केबल के खिलाफ बिजली विभाग की ओर से कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस कारण केबल ऑपरेटर बिना रोक-टोक के महीना लाखों रुपए कमा रहे हैं। सिटीी एरिया में जहां बिजली का लोड ज्यादा है और पोल की संख्या कम है, वहां पर केबल के कारण सबसे ज्यादा समस्या है। मेन रोड, अपर बाजार, रातू रोड, डोरंडा आदि ऐसे एरिया हैं, जहां बिजली पोल पर 10 से ज्यादा बिजली मीटर कनैक्शन के तार व बिजली निगम की ओर से लाइन बिछाई गई है।
पोल पर सिर्फ बिजली का तार
उप नगर आयुक्त कुंअर सिंह पाहन ने बताया कि नियमानुसार सरकारी संपत्ति का बिना अनुमति इस्तेमाल करना पूरी तरह से अवैध है। पोल पर बिजली के तार के अलावा किसी भी तरह का केबल या विज्ञापन लगाना मना है। इसके बावजूद सिटी के कई प्रमुख इलाकों के डिवाइडर पर स्थित पोल पर बिजली के तार के अलावा अन्य तार भी बंधे हुए नजर आते हैं। जिन कंपनियों ने बिना परमिशन पोल पर केबल बांधा है, उनको हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। वे समय रहते हटा लें, नहीं तो उनका केबल भी हटाया जाएगा और कार्रवाई भी की जाएगी।
हादसे की भी आशंका
रांची शहर में पोल पर जितने भी केबल टांगे गए हैं, अलग-अलग कंपनियों के सभी ऑपरेटर मिलकर बिजली पोल का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन इनको कोई रोकने वाला नहीं हैं। ऐसे में बिजली पोल पर लटकते केबल के तारों बक्सों से न सिर्फ कोई कर्मचारी हादसे का शिकार हो सकता है, बल्कि बिजली तारों के साथ केबल तारों के अटैच होने से कोई बड़ी अगलगी की घटना भी घट सकती है।
कुछ नहीं करता बिजली विभाग
केबल ऑपरेटर्स को बिजली के पोल पर केबल टांगने की इजाजत तो किसी भी विभाग ने नहीं दी है, लेकिन इसे रोकने की दिशा में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बिजली विभाग की मौन सहमति के कारण भी सिटी में केबल का जाल बिछा हुआ है। पोल पर केबल तार का जाल इस कदर फैला हुआ है कि पोल और बिजली के तार दिखाई तक नहीं देते हैं। पोल पर जो टीवी केबल का बॉक्स लगा है उसी के जरिए होकर करंट लोगों के घरों तक भी पहुंच रहा है।
स्ट्रीट लाइट पोल का भी यही हाल
बिजली निगम की तरह नगर निगम की ओर से लगाई स्ट्रीट लाइट का भी यही हाल है। स्ट्रीट लाइट पर भी केबल नेटवर्क वालों ने अपने तार बांधे हुए हैं, जो गैरकानूनी है। हैरानी की बात है कि ये तार बिजली निगम और नगर निगम के अधिकारियों के सामने लगे हैं फि र भी किसी पर कार्रवाई नहीं की गई। किसी पर कार्रवाई न करना अधिकारियों को संदेह के घेरे में खड़ा करता है। पोल से ही बिजली की सप्लाई आ रही है। ऐसे में यदि केबल तार बिजली की तार में लग गए तो करंट भी आ सकता है।

केबल ऑपरेटर का पक्ष
निगम की ओर से किसी प्रकार का नोटिस नहीं मिला है। हमारा केबल बिजली के पोल पर नहीं है। अलबत्ता घरों के छत से होकर गुजरे हैैं। अगर तीन दिनों में केबल हटाने की बात कही गई है, तो यह व्यवहारिक नहीं है। सख्ती कर अगर तार काटे गए, तो रांची में केबल टीवी का प्रसारण बंद हो जाएगा।
राजेश सिंह, केबल ऑपरेटर

रांची नगर निगम क्षेत्र मेंं बिजली के पोल पर केबल लगाने वाली कंपनियों को नोटिस देकर तीन दिन का समय दिया गया है। वो अपना केबल हटा लें, नहीं हटाने वालों पर कार्रवाई होगी।
कुंअर सिंह पाहन, उप नगर आयुक्त, रांची नगर निगम