रांची: बच्चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए सीबीएसई लगातार प्रयासरत रहता है। इसी कड़ी में कई फैसले भी लिए जाते रहे हैं। अब सीबीएसई ने एक बड़ा फैसला किया है। इसके तहत स्टूडेंट्स की तार्किक क्षमता बढ़ाई जाएगी। सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स इसी सेशन से कोडिंग व डाटा साइंस की पढ़ाई अपने स्कूलों में ही कर सकेंगे।

जारी किया गया सर्कुलर

बोर्ड के निदेशक (स्किल एवं ट्रेनिंग) डॉ बिस्वजीत साहा की ओर से इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया गया है। हालांकि, उक्त दोनों नए सिलेबस की पढ़ाई उन स्कूलों में कराई जाएगी, जहां स्किल बेस्ड सब्जेक्ट की पढ़ाई होती है। सेटेलाइट कॉलोनी स्थित डीपीएस, रांची के प्रिंसिपल डॉ राम सिंह ने बताया कि सीबीएसई के इस फैसले से हजारों स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। अब वह स्किल आधारित विषयों में इन विषयों की पढ़ाई भी कर सकेंगे।

किसे पढ़ाएंगे डाटा साइंस

सीबीएसई की ओर से जो सर्कुलर जारी किया गया है, उसके मुताबिक कोडिंग और डाटा साइंस को 12 घंटे के स्किल माड्यूल के आधार पर पढ़ाया जाएगा। कोडिंग की जानकारी छठवीं क्लास से लेकर 12वीं के छात्रों को दी जाएगी, जबकि डाटा साइंस आठवीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा।

यह एक अच्छा फैसला है। बच्चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं, उससे भविष्य का निर्माण होगा। बच्चों को फ्यूचर के लिए तैयार किया जा सकेगा।

डॉ किरण द्विवेदी, प्रिंसिपल, विवेकानंद विद्या मंदिर, धुर्वा

स्कूलों को देनी होगी फीस की पूरी जानकारी

नए सेशन की पढ़ाई शुरू होते ही स्टूडेंट्स को बुकलेट दी जाती है। इसके बाद संचालक पूरे साल की फीस मांगने लगते हैं। कई अन्य एक्टिविटीज के नाम पर पैसा मांगा जाता है। पेरेंट्स को जानकारी नहीं होती है और उनसे मनमानी फीस वसूल ली जाती है। लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं होगा। स्कूल की वेबसाइट पर फीस का पूरा ब्योरा अपलोड करना होगा। इस संबंध में सीबीएसई की ओर से निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी संचालक द्वारा जानकारी गलत दी जाती है, तो पेरेंट्स बोर्ड से शिकायत भी कर सकेंगे। प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल की वेबसाइट पर फीस की पूरी सूचना देना जरूरी होता है।

वैसे तो यह नियम है कि हर स्कूल को अपनी वेबसाइट पर एडमिशन का लिंक देने के साथ ही उसमें फीस की भी जानकारी देनी होती है। जो स्कूल ऐसा नहीं कर रहे हैं वह फौरन ही अपनी वेबसाइट पर फीस का ब्योरा अपलोड कर दें और सरकार द्वारा तय किए गए फीस संबंधी मानकों का भी पालन करें। इसके साथ ही आरटीआई सेक्शन के तहत भी पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। कोरोना काल में अभी स्टूडेंट्स और पेरेंट्स स्कूलों तक नहीं आ पा रहे हैं, ऐसे में यह जरूरी है कि उन्हें ऑनलाइन ही सारी जानकारी दी जाए।

डॉ राम सिंह, सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डिनेटर