रांची : इंडियन इनोवेशन चैलेंज डिजाइन कांटेस्ट के फाइनल में रांची के रोहित की टीम का चयन हुआ है। इस कांटेस्ट में देशभर के करीब 1000 विश्वविद्यालय व कालेजों की टीम ने भाग लिया। टॉप-60 टीम का चयन हुआ है जिसमें रोहित की टीम भी है। अब 15 जून आइआइएम बेंगलुरु इन सभी टीम की प्रतिभा को निखारेंगे। इसके बाद नवंबर में इस 60 में से 30 टीम का चयन होगा। इस चयनित टीम को भारत सरकार की ओर से स्टार्टअप शुरू करने के लिए राशि दी जाएगी।

60 टीमों को पुरस्कार

अभी रोहित सहित सभी 60 टीमों को पुरस्कार के तौर पर 20,000 रुपये मिलेंगे। रोहित ने ऐसा स्मार्ट वाच व एप बनाया है जो बीमार व्यक्ति के आक्सीजन व पल्स रेट नापने से लेकर समय पर दवा के लिए अलर्ट करेगा। रोहित ने बताया कि यह प्रतियोगिता वर्ष 2019 से शुरू हुई थी। इसका आयोजन आइआइएम बेंगलुरु, एआइसीटीई व माय जीओभी द्वारा संचालित की जाती है। यह प्रतियोगिता आत्मनिर्भर भारत से जुड़ा है। इसमें देशभर के इंजीनिय¨रग कालेज के स्टूडेंट्स अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करते हैं।

गेट भी किया है क्वालिफाई

रोहित रांची के बिरसा चौक के पास रहते हैं। ये अभी किट भुवनेश्वर से बीटेक अंतिम वर्ष का छात्र है। उसने तीसरे वर्ष में ही गेट क्वालिफाइ भी कर लिया है। रोहित के पिता सुधीर कुमार छात्रों मैनेजमेंट की तैयारी कराते हैं और गरीब बच्चों के लिए स्कूल भी चलाते हैं। उनकी मां डा। सुनिता रांची वीमेंस कालेज में प्रोफेसर हैं। रोहित ने दसवीं व 12वीं केरलि स्कूल से उत्तीर्ण किया है। ं

प्रोजेक्ट है ई-हेल्थ मॉनिट¨रग सिस्टम

रोहित की टीम-टेक ट्विस्टर में छह लोग हैं। ये टीम लीडर हैं। इनका प्रोजेक्ट-ई हेल्थ मॉनिट¨रग सिस्टम है । इसके अंतर्गत तीन चीजें स्मार्ट वाच, एड बॉक्स और एक एप तैयार किया है। एड बॉक्स वैसे मरीजों के लिए फायदेमंद हैं जो समय पर दवा लेना भूल जाते हैं। यह एड बॉक्स समय होते ही आपको दवा के लिए अलर्ट कर देगा। स्मार्ट वाच से आक्सीजन व पल्स रेट माप सकते हैं। साथ ही इस पर वाट्सएप मैसेज और टाइम भी देख सकते हैं। इसमें गे¨मग फीचर्स भी है। इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण है एप। यदि कोई बीमार व्यक्ति अकेले हैं और उन्हें अचानक कोई समस्या हो रही है तो वे एक पैनिक बटन दबाएंगे तो उनके कांटेक्ट के चार लोगों के पास मैसेज चला जाएगा कि वे अकेले हैं। उन्हें मदद की जरूरत है।