RANCHI : बाल संरक्षण आयोग के ऑफिस के पास घंटों से खड़े रामवृक्ष महतो अपने 17 साल के बेटे को लौटा देने की गुहार लगा रहे हैं। वे अपना व अपने बेटे से संबंधित सारे डॉक्यूमेंट्स भी प्रूफ के तौर पर लेकर आए हैं, फिर भी उनका बेटा उनके हवाले नहीं किया जा रहा है। दरअसल रामवृक्ष इकलौते ऐसे व्यक्ति नहीं है, बल्कि उनके साथ कई और अभिभावक यहां मौजूद हैं, जो अपने बच्चे को पाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, पर उन्हें निराशा हाथ लग रही है। गौरतलब है कि रांची पुलिस ने दर्जनों बाल मजदूरों को रेस्क्यूु कराया है। अब इन बच्चों तभी उनके पैरेंट्स के हवाले किए जा सकते हैं, जब बाल संरक्षण आयोग इससे संबंधित निर्देश जारी करे।

झाड़ ले रहे हैं पल्ला

बाल संरक्षण आयोग के कार्यालय में अपने बच्चों को ले जाने के लिए हर दिन उनके अभिभावक आ रहे हैं, पर उनकी गुहार नहीं सुनी जा रही है। वे अधिकारियों से बार-बार अपने बच्चे को छोड़ देने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन वे न्यायालय में मामला होने की बात कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। उनका कहना है कि जबतक बाल संरक्षण आयोग से इस बाबत कोई निर्णय नहीं हो जाता, वे बच्चे को नहीं छोड़ सकते हैं।

लेकर आए हैं सारे डॉक्यूमेंट्स

अभिभावकों ने बताया कि वे अपने बच्चों को छुड़ा कर ले जा सकें, इसके लिए अपना व बच्चे के सारे डॉक्यूमेंट्स लेकर आए हैं। इसमें आई प्रूफ भी शामिल है, फिर भी बच्चे को नहीं छोड़ा जा रहा है। ऐसे में हर दिन बाल संरक्षण आयोग के दफ्तर की दौड़ लगानी हो रही है, जिसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आखिर आई डी प्रूफ देने के बाद भी बच्चे को क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है, समझ में नहीं आ रहा है।

बच्चे से नहीं दिया जा रहा मिलने

रामवृक्ष महतो ने बताया कि उन्हें अपने बच्चे से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। किसी तरह कुछ देर के लिए बच्चे से मिले तो उसने यहां काफी परेशानी होने की बात बताई। उसने कहा कि यहां न तो समय पर भोजन दिया जा रहा है और न ही अन्य जरूरी सुविधाएं ही मुहैय्या कराई गई है। बच्चे भी जल्द से जल्द घर ले जाने की बात कह रहे थे।

काम भी नहीं करता बेटा, पुलिस ले गई साथ में

पुलिस वाहवाही लूटने के लिए जबरन वैसे बच्चों को भी हिरासत में ले रही है, जो बाल मजदूर नहीं है। यह आरोप मेन रोड में काम करने वाले धर्मेद्र कुमार ने लगाया। उन्होंने बताया कि उसके बच्चे की उम्र 17 साल है। वह रुपए लेने के लिए आया हुआ था। लेकिन, इसी दौरान छापेमारी कर रही रांची पुलिस ने बाल मजदूर कहकर उसे अपने साथ ले गई।