रांची(ब्यूरो)।राजधानी रांची में बच्चों के गैंग ने आतंक मचा रखा है। आधा दर्जन से अधिक बच्चे गैंग में शामिल हैं, इनमें लड़के और लड़कियां दोनों हैं। इन बच्चों ने सिटी के लोगों की नींद उड़ा रखी है। ये बच्चे चोरी जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दे रहे हैं। खुले घरों और फ्लैट में घुसकर ये बच्चे सामान और कैश उड़ाकर वहां से रफुचक्कर हो जाते हैं। यह खुलासा सीसीटीवी फुटेज में हुआ है, बरियातू के एक अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरा में बच्चों की करतूत कैद हो गई है। करीब छह छोटे-छोटे बच्चे अपार्टमेंट के अलग-अलग फ्लैट में घुसकर रेकी करते हैं और मौका मिलते ही घरों के सामान उड़ा लेते हैं। बरियातू के एक अपार्टमेंट में बच्चे ऐसा करते हुए साफ नजर आ रहे हैं। गैंग में शामिल लड़कियां पहले फ्लैट के दरवाजे को ढकेल कर देखती हैं। दरवाजा अगर खुला मिलता है तो अंदर झांककर देखती हैं। अंदर कितने लोग हैं। यदि फ्लैट के अंदर कोई सदस्य नजर नहीं आता तो अंदर जाकर घर में रखे सामान पर हाथ साफ कर निकल जाती हैं। सभी बच्चों के हाथ में एक थैला होता है, कुछ भी सामान मिलने पर ये लोग अपने-अपने थैला में जमा करते जाते हैं।

ऐसे देते हैं साथी को सिग्नल

बच्चों का यह गैंग देखने में जितना मासूम है। उससे कहीं ज्यादा ये लोग शातिर हैं। अपने साथियों तक सिग्नल भेजने के लिए ये बच्चे चप्पल का इस्तेमाल करते हैं। एक चप्पल सीढ़ी के पास खोलते हैं तो दूसरा फ्लैट के बाहर। ताकि दूसरे साथी को यह पता चल जाए कि चोरी की घटना को कहां अंजाम देना है। कुछ बच्चे अपार्टमेंट में, कुछ फ्लैट के अंदर रहते हैं तो वहीं कुछ बच्चे अपार्टमेंट के बाहर खड़े रहकर निगरानी करते हैं। खतरे का अहसास होते ही आपस में सपंर्क कर बच्चे चुपचाप अपार्टमेंट से निकल जाते हैं। वहीं पकड़े जाने पर बच्चे भीख मांगने का बहाना करने लगते हैं। इससे उनपर शक भी नहीं होता। अपार्टमेंट के लोगों ने बताया कि सीसीटीवी में यदि फुटेज कैद नहीं होता तो घटना के पीछे बच्चों का हाथ होने की किसी को जानकारी भी नहीं हो पाती।

घर खुला छोडऩा खतरे को न्योता

राजधानी में चोरों का आतंक बढ़ा हुआ है। घरों को पांच मिनट के लिए खुला और बिना फैमिली के छोडऩा खतरे से खाली नहीं है। सिर्फ चोर ही नहीं, बल्कि बच्चे भी इस अपराध में शामिल हो रहे हैं। हाल के दिनों में लगातार एक के बाद एक कई चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है। कहीं ताला लगे घर तो कहीं दुकान को चोरों ने निशाना बनाया है। चोर लगातार चोरी कर रहे हैं लेकिन पुलिस बहुत कम मामलों का ही खुलासा कर पाई है। जब तक एक मामले के तह तक पुलिस पहुंचती है तब तक चोर दूसरी वारदात को अंजाम दे देते हैं। छोटे-छोटे बच्चे खेलने और पढऩे की उम्र में चोरी जैसे कांड को अंजाम दे रहे हैं। इन बच्चों का भविष्य क्या होगा, यह आप भी अच्छे से समझ सकते हैं। बच्चों को इस दलदल में धकेलने के पीछे उनके अभिभावकों का भी हाथ है। अभिभावक खुद ही बच्चों को जुर्म में शामिल कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जिनके माता-पिता नहीं हैं, वे अपने दोस्तों के साथ गलत संगत में पड़कर अपराध कर रहे हैं। बच्चों को चोरी के लिए भेजने से पहले उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है। कोड वर्ड में बात करने से लेकर पकड़े जाने पर क्या करना है, इन सबकी बकायदा ट्रेनिंग होती है।

केस स्टडी 1

बरियातू थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले हरिहर सिंह रोड निवासी पंकज के घर बच्चों ने लाखों रुपए के सामान पर हाथ साफ कर लिया। पंकज के फ्लैट का दरवाजा खुला था। घर पर कोई फैमिली मेंबर मौजूद भी नहीं था। एक महिला कपड़े सूखने के लिए डालने छत पर गई थी। इसी बीच बच्चों के गैंग ने फ्लैट में घुसकर कीमती सामान, नकद समेत ज्वेलरी पर हाथ साफ कर दिया।

केस स्टडी 2

बीते महीने पंडरा ओपी के करीब रहने वाले अमरेंद्र सिन्हा के घर पर भी बच्चों ने चोरी को अंजाम दिया। अमरेंद्र के घर से लैपटॉप, घड़ी, मोबाइल फोन, पर्स समेत अन्य दूसरे सामान ले भागे। पंडरा ओपी की ओर से इस मामले में दो लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें पुलिस ने बाल सुधार गृह भेज दिया है। दोनों लडकियां घूम-घूम कर भीख मांगा करती थीं और मौका मिलते ही सामान गायब कर देती हैं। लड़कियों के पास से ज्वेलरी भी बरामद हुए, जिसे उन लोगों ने किसी अधिकारी के घर से चुराया था।

चोरी में बच्चों की संलिप्तता होने की जानकारी मिली है। पुलिस फुटेज के आधार पर छानबीन कर रही है। बच्चों के पीछे जो लोग हैं, उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।

-सौरव, सिटी एसपी, रांची