Ranchi : सीएम हेमंत सोरेन और डीजीपी राजीव कुमार को किसने धमकी दी है, इस मामले में झारखंड पुलिस का आईटी सेल जांच कर रहा है। डीजीपी को धमकी भरा मैसेज भेजनेवाले ने खुद को आंध्रप्रदेश का नक्सली बताया है, पर वह नक्सली है, आतंकी है, क्रिमिनल है या कोई सिरफिरा है, यह उसके पकड़े जाने के बाद ही खुलासा हो पाएगा। खुद डीजीपी राजीव कुमार ने कहा है कि कोई सिरफिरा उन्हें तंग कर रहा है। वह कह रहा है झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान को बंद करें, नहीं तो सीएम और डीजीपी की हत्या कर दी जाएगी। डीजीपी ने कहा कि उन्हें मैसेज करनेवाला कौन है, इसका क्लू मिल गया है। लेकिन, डीजीपी को जिस नंबर से मैसेज आया है, वह नंबर 9क्-8ब्0709ख्8ब्0 डीजीपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों के लिए टेरर बन गया है।

एक्स-डीजीपी को मिला था धमकी भरा ई-मेल

छह दिसंबर ख्0क्ख् को झारखंड के एक्स डीजी गौरीशंकर रथ को दानिश आलम नामक एक युवक ने धमकी भरा ई-मेल भेजा था। उस ई-मेल की जब रांची पुलिस ने जांच की, तो पाया कि लालपुर थाना के पास स्थित साइबर कैफे से उन्हें धमकी भरा ई-मेल भेजा गया था। उन्हें भेजे गए ई-मेल में सेंडर ने कहा था वह झारखंड, दिल्ली व महाराष्ट्र में एक साथ तबाही मचाएगा। पुलिस ने छानबीन की, तो पता चला कि गढ़वा के एक युवक मो इरफान खान ने वह ई-मेल भेजा ता। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। कोर्ट में जमानत दाखिल करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया।

सीएम हेमंत सोरेन को मिली थी धमकी

साल ख्0क्ख् में भी एक युवक ने सीएम हेमंत सोरेन के मोबाइल पर धमकी दी थी। इसकी जानकारी सीएम कार्यालय से तत्कालीन एसएसपी साकेत कुमार सिंह को दी गई। साकेत कुमार सिंह ने नंबर का लोकेशन पता लगाया, तो वह गुमला का निकला। एसएसपी ने उस वक्त बेड़ो इंस्पेक्टर मनीषचंद्र लाल को गुमला भेजा। पुलिस उसे अरेस्ट कर ले आई। जब उसे सीएम के सामने पेश किया गया, तो उसने कहा कि वह सीएम से मिलना चाहता था। वह कई बार सीएम हाउस के चक्कर लगा रहा था, पर सिक्योरिटी गार्ड उसे मिलने नहीं देते थे। उसने किसी तरह सीएम हेमंत सोरेन का नंबर जुगाड़ किया और उन्हें धमकी देने लगा। उसे लगा कि वह इस बहाने सीएम से मिल लेगा। सीएम ने उसकी सच्चाई जानकर उसे छोड़ने का हुक्म दिया था।

फॉर्मर स्पीकर भी झेल चुके हैं धमकी

ख्ख् सितंबर ख्0क्फ् को झारखंड विधानसभा के फॉर्मर स्पीकर सीपी सिंह को धमकी भरा लेटर भेजा था। लेटर लिखनेवाले ने खुद को नक्सली बताया था और कहा था कि अगर साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ अरुण कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई की, तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। सीपी सिंह उस वक्त धुर्वा निवासी शिवाजी सिंह के आवेदन पर तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी एसके चौधरी को जांच का आदेश दिया था। लेटर पर उसे भेजनेवाले के नाम की जगह पर राजू मंडल, सुदामाबुड़ी, पोस्ट व थाना अड़की लिखा हुआ था। इस मामले में सीपी सिंह ने कहा था कि माओवादी इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करते हैं।

गुजरात से भी मिली थी धमकी

जब सीपी सिंह विस स्पीकर थे, तो उस समय एक बार फिर उनके मोबाइल पर धमकी भरा कॉल आया था। कॉलर ने कहा था कि वह उन्हें जान से मार देगा। इस बाबत गोंदा थाना में सनहा दर्ज कराया गया था। जब पुलिस ने इसकी छानबीन की, तो पाया कि कॉलर गुजरात का रहनेवाला है। गोंदा के तत्कालीन थानेदार राजकपूर ने गुजरात जाकर आरोपी को अरेस्ट किया था और उसे जेल भेजा था।

चाकुलिया के बीडीओ को भी उसी नंबर से दी है धमकी

सीएम हेमंत सोरेन व डीजीपी राजीव कुमार के मोबाइल पर एसएमएस भेजनेवाला आंध्रप्रदेश का नहीं, बल्कि झारखंड का ही रहनेवाला बताया जा रहा है। जब स्पेशल ब्रांच की टीम ने नंबर की जांच की, तो पाया कि पहले इस नंबर से कॉलर ने ईस्ट सिंहभूम के चाकुलिया के बीडीओ गिरिजाशंकर महतो व जमशेदपुर के एक बिजनेसमैन को धमकी भरा मैसेज भेजा था। यह मैसेज बिजनेसमैन को ख्भ् मई को भेजा गया है, दूसरा मैसेज ख्म् मई को बीडीओ को भेजा गया है।

फेक ड्राइविंग लाइसेंस पर इश्यू हुआ है सिम कार्ड

सीएम व डीजीपी को जिस मोबाइल नंबर से धमकी भरे मैसेज भेजा गया है, वह सिम कार्ड फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर इश्यू कराया गया है। जब स्पेशल ब्रांच की टीम ने नंबर का सीडीआर निकाली, तो पता चला कि बिजनेसमैन से भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर के नाम पर पैसे की डिमांड की गई थी।

जमशेदपुर के आदित्यपुर निवासी प्रभाष के नाम पर है सिम कार्ड

डीजीपी राजीव कुमार को धमकी देने के मामले में सरायकेला पुलिस ने जमशेदपुर के आदित्यपुर से चार लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में आदित्यपुर निवासी प्रभाष मिश्रा, नवीन अग्रवाल, आयुष, अमन शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जिस सिम कार्ड से धमकी दी गई है, वह प्रभाष मिश्रा के नाम पर खरीदा गया है। हालांकि, जब पुलिस ने जांच की, तो सिम कार्ड पर आरोपी की तस्वीर तो मिल रही है, लेकिन उसके पिता का नाम नहीं मिल पा रहा है। इस बाबत डीजीपी ने चाकुलिया थाना में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि जिस फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर वोडाफोन कंपनी का सिम कार्ड लिया गया है, वह लाइसेंस सिमडेगा डीटीओ ऑफिस से बनाया गया है।