रांची: रक्तदान से किसी को नया जीवन मिल सकता है, इसीलिए इसे महादान कहा जाता है। लेकिन इस कोरोना में रांची के लोगों ने कम ही ब्लड डोनेट किया है। 1 जनवरी से लेकर 10 जून तक 9000 यूनिट ब्लड रिम्स में डोनेट किया गया है, जबकि पिछले साल 2020 में यह डाटा 23000 यूनिट के करीब था। वर्तमान में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सिर्फ 150 यूनिट ब्लड ही बचा हुआ है।

कोरोना के कारण कम रक्तदान

कोरोना के बढ़ते संक्रमण से लोग रक्तदान नहीं कर रहे। रिम्स में हर दिन 100 यूनिट के करीब रक्त की जरूरत होती है लेकिन स्टॉक में सिर्फ 150 यूनिट ही है। निगेटिव ग्रुप का रक्त समाप्त हो चुका है। सदर अस्पताल के ब्लड बैंक की भी स्थिति ऐसी ही है। रिम्स ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ सुषमा बताती हैं कि कोरोना के बाद अधिकतर अस्पतालों में सर्जरी बंद हो गई। ऑपरेशन थिएटर में पेशेंट कम हो गए। ओपीडी भी बंद रहे। ऐसे में ब्लड की जरूरत भी लोगों को कम हो रही थी। लॉकडाउन के कारण शहर भी बंद रहा। ब्लड डोनेशन करने के लिए लोग भी नहीं आए .अब फिर से जब लोगों की जिंदगी पटरी पर लौट रही है तो ब्लड डोनेशन कैंप की शुरुआत की जाएगी।

स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील

रिम्स के ब्लड बैंक से जरूरत पड़ने पर राज्य के दूसरे जिलों को खून रोगियों के लिए दे दिया जाता था, लेकिन कोरोना काल में स्वैच्छिक रक्तदान की कमी के कारण खून लेना पड़ गया। प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थानों से आगे आने के लिए कहा है। रिम्स में बहुत से रोगी और घायल ऐसे आते हैं जिनके पास कोई डोनर नहीं होता है। उन्हें ब्लड बैंक से नि:शुल्क ब्लड दिया जाता है। रांची के अलग-अलग ब्लड बैंकों के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाती हैं। शिविरों से जो खून मिलता है, उससे गंभीर रोगियों की जान बचती है। लेकिन कोरोना काल में संक्रमण के फैलाव और लॉकडाउन की वजह से शिविरों का आयोजन नहीं हो पाया। थोड़ा बहुत जो खून मिला, वो जरूरत से कम था। इस वजह से ब्लड बैंक का स्टाक खाली हो गया। खासतौर पर निगेटिव ग्रुप वाले खून की बहुत कमी है।

रक्तदान से पहले रखें खास ख्याल

-करीब 24 घंटे पहले रक्तदाता को बीड़ी या सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा रक्तदान करने के तीन घंटे बाद तक धूम्रपान से बचें।

-रक्तदान के करीब तीन घंटे बाद पौष्टिक आहार लेना चाहिए। ऐसे में आप मीठे फलों का सेवन करेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा।

-रक्तदान करने के तुरंत बाद जंक फूड खाना शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता। डॉक्टर से सलाह लेकर अच्छा खाना खाएं।

-रक्तदान के अगले दिन जिम में वर्कआउट या एक्सरसाइज करना सही नहीं है। पहले शरीर में रक्त संचरण को नॉर्मल होने दें। इसके बाद ही वर्कआउट करें।

-शराब पीने के बाद करीब 48 घंटों तक रक्तदान करने के बारे में न सोचें। शराब में मौजूद तत्वों से खून लेने वाले व्यक्ति के शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

-ब्लड डोनेट करते वक्त अपने शरीर का ध्यान रखना भी जरूरी है। बता दें कि एक बार में शरीर से 471 एमएल से ज्यादा रक्त नहीं लिया जा सकता।

-कोई भी हेल्दी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। पुरुष तीन महीने में एक बार रक्तदान कर सकते हैं, वहीं महिलाएं चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं।

पिछले 2 साल से कोरोना के कारण स्वैच्छिक रक्तदान लोग कम कर रहे हैं। हालांकि, इस दौरान सर्जरी और ओटी भी कम हुआ है। इसलिए ब्लड की जरूरत कम हुई। लेकिन अब ब्लड बैंक में अधिक से अधिक ब्लड उपलब्ध रहे, इसके लिए प्रयास शुरू किए जा रहे हैं।

-डॉ सुषमा, इंचार्ज, रिम्स ब्लड बैंक, रांची