रांची (ब्यूरो) । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में समर कैंप का दूसरे दिन बच्चों के अन्दर एक नई उमंग उत्साह दिखा खेल-खेल में अपने अन्दर सीखने की इस नई कला से सभी को बहुत आकर्षित किया$ वर्तमान समय के अपने स्कूल के माहौल और इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय के निस्वार्थ प्यार भरी शिक्षा को जीवन में अपनाने की दिशा बहुत भाया$ हर बच्चे में कुछ नया करने का उमंग- उत्साह देख गया$ बच्चों के माता पिता भी बच्चों की इस नई सोच उमंग उत्साह को देख बहुत प्रभावित हुए एवं बच्चों के भविष्य को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा लिए एवं मार्गदर्शन दिये।

समाज सेवा की प्रेरणा

ब्रह्माकुमारी संस्थान की संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा बच्चों को स्वार्थ के बदले समाज सेवा करने की प्रेरणा दी तथा शेर के दांत गिनने वाले भारत के बीज भरत की तरह ही महाबली बनने के लिए प्रोत्साहित किया$ उन्होंने बच्चों की प्रश्नोतर विधि से उनके जीवन का लक्ष्य स्पष्ट करते हुए आत्मा और शिवबाबा का पाठ दो दिवसीय समय कैम्प ने कराया कराया$ शिक्षा का उद्देश्य ही है - निर्भयता, शक्ति, सहनशक्ति आदि शक्तियों का विकास करके देश के लिए महान विभूतियों तैयार करना जो इस शिविर में तैयार की जा रही है$ समाज में कमजोरियों, विषमतायें बढ़ती जा रही है।

बुराईयों से बचाया जा सकता है

सहज राजयोग द्वारा बच्चों को इन बुराईयों से बचाया जा सकता है$ शिव बाबा की तरफ उन्मुख इन नन्हें सुरजनुखियों की क्रीड़ाओं से ब्रह्माकुमारी ऑगन मुखरित हो उठा$ नृत्य, बौद्धिक सृजनात्मक तथा खेल कूद गतिविधियों में अनेक प्रतियोगी विजयी हुए यों तो बच्चे स्वयं ही सृष्टि पर पुरस्कार स्वरूप हैं$ इन चैतन्य पुरस्कारों को पुरस्कृत किया गया$ ये नन्हें बच्चे ही भविष्य के निर्माता हैं जहाँ से पूरे विश्व को शांति, शक्ति और पवित्रता का प्रकाश मिलेगा$ जिनका चरित्र अच्छा होगा तो आने वाला संसार सुखमय होगा$ यह समर कैम्प निशुल्क रहा। बच्चों को रिफ्रेशमेंट के लिए शरबत के साथ-साथ उपहार भी सेवा केन्द्र की ओर से प्रदान किया गया।