रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) न केवल बच्चों को निमोनिया से बचाएगी, बल्कि यह बच्चों को कोरोना से भी बचाने में महत्वपूर्ण कवच साबित होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में यह वैक्सीन बच्चों को इससे बचाने में सहायक होगी क्योंकि कोरोना और निमोनिया के लक्षण लगभग समान होते हैं। मंत्री ने गुरुवार को ये बातें निमोनिया टीकाकरण के राज्य स्तरीय लां¨चग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि बच्चों को पीसीवी लगने से राज्य में शिशु मृत्यु दर में और कमी आएगी जो वर्तमान में प्रति एक हजार जन्म पर 29 है। साथ ही यह वैक्सीन बच्चों को ब्रेन मेनिनजाइटिस से भी बचाएगी।

रेगुलर वैक्सीनेशन पर जोर

स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, राज्य में पांच वर्ष तक के बच्चों में होनेवाली मौत में 15 प्रतिशत मौत निमोनिया से होती है। इससे पहले, मंत्री की उपस्थिति में नर्स प्रमिला द्वारा दो माह की बच्ची को पीसीवी का टीका देकर इस टीकाकरण की लां¨चग की गई। इस तरह, बच्चों के नियमित टीकाकरण में पीसीवी को शामिल करनेवाल झारखंड छठा राज्य बन गया। अभी तक बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश में ही यह नियमित टीकाकरण में शामिल था। बताते चलें कि राज्य में 8.5 लाख बच्चों का जन्म प्रतिवर्ष होता है। इस तरह, प्रतिवर्ष इतने बच्चों को यह टीका लगेगा।

पीसीवी की तीन डोज अनिवार्य

राज्य में यह टीका उन बच्चों को लगना शुरू हुआ है जिनका जन्म इस साल अप्रैल माह में हुआ है। दरअसल, यह टीका जन्म के डेढ़ महीना (छह सप्ताह) पर पीसीवी-1, साढ़े तीन महीने (14 सप्ताह) पर पीसीवी-2 और नौ महीना अर्थात 36 सप्ताह पर बूस्टर डोज दिया जाता है। अभी तक नियमित टीकाकरण में इन बीमारियों के ही टीके थे शामिल टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, खसरा, रूबेला, जेई तथा रोटा वायरस (दस्त)।