रांची: सावन का महीना चल रहा है। शिवालयों में हर सोमवार बाबा को जल चढ़ाने वाली भीड़ तो नहीं है, लेकिन कुछ शिवालय ऐसे भी हैं, जहां चोरी-छिपे दर्शन का खेल चल रहा है। यह मंदिर के कर्मचारियों की मिलीभगत का ही नतीजा है कि सेटिंग के बूते लोग मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं और पूजा-अर्चना कर आराम से घर लौट रहे हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में इसका खुलासा हुआ है। मामला रांची के पहाड़ी मंदिर का है, जो सिटी का सबसे पुराना शिव मंदिर है। पिछले साल तक यहां हर सोमवार को जल चढ़ाने वाले लोगों की संख्या एक लाख से ज्यादा होती थी। इस बार कोरोना के कारण राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक लॉक डाउन को बढ़ा दिया है। इसके तहत राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का आदेश है। इस आदेश को धता बताते हुए कुछ लोग अपनी सेटिंग के बूते मंदिर में एंट्री पाने में सफल हो रहे हैं।

ऐसे मिल रही ह है एंट्री

पहाड़ी मंदिर के मुख्य द्वार (सिंह द्वार) पर ही बड़ी स्क्रीन लगाई गई है, जिसमें बाबा के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था है। मंदिर का गेट हमेशा बंद रहता है, लेकिन मंदिर के अंदर के कुछ कर्मचारी हमेशा गेट के पास मौजूद रहते हैं। यहां शुक्रवार की रात से लेकर रविवार की रात तक दर्शन की 'सुविधा' मिल जाती है। इसके लिए कर्मचारियों से सेटिंग करनी पड़ती है। किसी को मंदिर कमिटी का सदस्य बताकर, तो किसी को जरूरी काम से अंदर जाने की इजाजत मिल जाती है। इसके लिए 100 से लेकर 500 रुपए तक की दक्षिणा पहले कर्मचारियों को देनी होती है। मंदिर परिसर में किसी को मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं होती, इसलिए अंदर की सेटिंग की बातें बाहर नहीं आ पाती। हालांकि, स्टिंग में शामिल एक श्रद्धालु ने अपने एक मित्र के जरिए गेट पर कर्मचारियों के साथ हो रही सेटिंग को अपने कैमरे में कैद कर लिया।

महिलाओं को भी मिल रही है एंट्री

रसूख वाले कुछ श्रद्धालुओं की बेचैनी ऐसी है कि वे खुद मंदिर के भीतर प्रवेश करने के साथ ही अपने फैमिली मेंबर्स को भी अंदर ले जाने में सफल हो रहे हैं। शुक्रवार को भी मंदिर में शाम पांच बजे छह लोगों को एंट्री मिली। इसमें एक महिला श्रद्धालु भी शामिल थीं। अंदर जाने के लिए मंदिर का मेन गेट खोला गया और सभी को अंदर जाने दिया गया। एक-एक कर लोगों को अंदर भेजने के बाद मंदिर के गेट को बंद किया जाता था। इस दौरान वहां मौजूद अन्य लोगों ने जब कर्मचारियों से पूछा, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।

रविवार की रात को भी दर्शन

रविवार की रात तक दर्शन का सिलसिला चलता रहता है। हैरानी वाली बात तो यह है कि मंदिर के बाहर ही फोर्स तैनात है। इसके बावजूद लोगों को मंदिर में प्रवेश करने दिया जा रहा है। प्रशासन इस बात से पूरी तरह बेखबर है कि इस मंदिर में सेलेक्टिव दर्शन की एक पैरलल व्यवस्था चल रही है। मंदिर का संचालन जिला प्रशासन की देखरेख में एक कमिटी करती है। इसमें एसडीओ को देखरेख का जिम्मा मिला हुआ है।

एक ऐसा मंदिर जो बंद ही नहीं हुआ (फोटो है)

रांची के कई मंदिर ऐसे भी हैं, जहां लॉकडाउन के दौरान पूजा-अर्चना जारी है। मंदिर के कर्ता-धर्ता प्रशासन के आदेश को धता बताते हुए पूजा-अर्चना की अनुमति आम लोगों को दे रहे हैं। ऐसे ही मंदिरों में से एक है इंद्रपुरी, रातू रोड बिड़ा मैदान स्थित शिव मंदिर। यहां रविवार को भी महिलाएं बड़ी संख्या में जल चढ़ाने के लिए पहुंचीं। न सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल और न मास्क पहन कर लोग आए थे। पूरी तरह से नियमों की अनदेखी करते हुए पूजा-अर्चना की गई।

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लॉकडाउन में जब सभी धार्मिक स्थल बंद हैं, तो पहाड़ी मंदिर में खास लोगों को सेटिंग के माध्यम से पूजा करने की छूट देना कहां तक जायज है?