रांची(ब्यूरो)। रांची में कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए सरकार की ओर से फुल प्रूफ प्लान तैयार किया गया है। सरकारी हॉस्पिटल्स में करीब एक हजार बेड तैयार रखे गए हैैं, ताकि मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें हॉस्पिटल्स में भर्ती किया जा सके। इस बीच रांची में कोरोना के एक्टिव केसेज की संख्या 5000 के पार पहुंच गई है। लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सदर को पूरी तरह से कोविड हॉस्पिटल में कन्वर्ट करने की तैयारी चल रही है। दूसरी ओर, रिम्स के ट्रॉमा सेंटर को पहले ही कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में कन्वर्ट कर दिया गया है। रिम्स में 600 बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व कर दिए गए हैैं। साथ ही बच्चों में अगर संक्रमण फैलता है, तो उनके लिए अलग से 100 बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है।

17 मरीज हुए भर्ती, 197 बेड खाली

सदर हॉस्पिटल में गुरुवार को दिन के 3 बजे तक 17 मरीजों को भर्ती कराया गया था। यहां से 10 मरीज स्वस्थ होकर घर को लौट गए। अब भी सदर में 23 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं डोरंडा स्थित रिसालदार बाबा अर्बन कम्युनिटी सेंटर में अभी एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है। रिसालदार बाबा अर्बन कम्युनिटी सेंटर में ऑक्सीजनयुक्त 100 बेड की व्यवस्था की गई है। दूसरी ओर, गांधीनगर सीसीएल हॉस्पिटल में भी कोविड पेशेंट्स के लिए 100 बेड रिजर्व रखा गया है। इस प्रकार अभी रांची में एक हजार से ज्यादा बेड सरकारी अस्पतालों में तैयार कर लिए गए हैैं।

भर्ती करने से पहले स्क्रीनिंग

सदर हॉस्पिटल में किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले उनकी कोविड स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए हॉस्पिटल के बाहर ही एक स्क्रीनिंग सेंटर बनाया जा रहा है। यहां डॉक्टर्स तैनात रहेंगे, जो जरूरत के मुताबिक मरीजों को एडमिट करने की अनुशंसा करेंगे। सदर में कोविड टेस्ट की भी व्यवस्था है। यहां पांच रुपए का टोकन कटाने के बाद टेस्ट किया जा रहा है। 24 घंटे के भीतर ही रिपोर्ट भी दी जा रही है। जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन रांची में नहीं होने के कारण अभी ओमिक्रॉन के मरीजों की पुष्टि नहीं हो पा रही है। फिलहाल रांची में ओमिक्रॉन का एक भी केस नहीं मिला है। इधर, जिला प्रशासन ने मरीजों को एडमिट करने से पहले कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए अलग से व्यवस्था की है, ताकि किसी मरीज को भर्ती करने में ज्यादा वक्त न लगे। सदर में विभिन्न वार्डों को मिलाकर कुल 480 बेड है, जिन्हें कोविड डेडिकेटेड घोषित किया जाना बाकी है।