रांची। साइबर क्रिमिनल्स हर दिन खुद को अपग्रेड करते जा रहे हैं। कौन-कब निशाने में आ जाए, यह कोई नहीं बता सकता। सिटी में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे अब और ज्यादा अलर्ट हो जाने की जरूरत है। जरा सी भी असावधानी हुई नहीं कि साइबर फ्रॉड आपके खाते से सारा पैसा साफ कर सकते हैं। इस बार एक इंजीनियर को निशाना बनाया गया है, जिसे एनी डेस्क नाम के एप के जरिए जाल में फंसा कर 1.30 लाख रुपए की निकासी बैंक अकाउंट से कर ली गई।

क्या है मामला

दीपाटोली मिलिट्री स्टेशन में पोस्टेड इंजीनियर ¨पटू कुमार ने खेलगांव ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया है कि 24 जून की सुबह उनके खाते से एक फाइनांस कंपनी की ओर से 117 रुपए काट लिए गए थे। इसके बाद गूगल सर्च कर उन्होंने कंपनी के टोल फ्री नंबर निकाला और उसपर कॉल किया। यह नंबर एक साइबर फ्रॉड का था। संपर्क करने वाले ने एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाया। यूपीआइ पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करवाया। इसके बाद अलग-अलग किस्त में कुल 1.30 लाख रुपये खाते से कट गए। इसके बाद पुलिस के पास पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज कराई। खेलगांव थाने की पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

ऐसे होती है एनी डेस्क से ठगी

एनी डेस्क एप मोबाइल में डाउनलोड करते ही संबंधित मोबाइल या कंप्यूटर साइबर अपराधियों के कंट्रोल में हो जाता है। इसके बाद साइबर अपराधी ई-वॉलेट, यूपीआई एप सहित अन्य बैंक खातों से जुड़े सभी एप को आसानी से ऑपरेट कर रुपए उड़ा लेते हैं। इस एप को साइबर अपराधी मदद के नाम पर डाउनलोड करवाते हैं, इसके बाद पूरी मोबाइल पर कब्जा जमा लेते हैं। इसके लिए साइबर अपराधी तब लोगों को कॉल करते हैं, जब कोई बैंक से मदद के लिए गूगल पर टोल-फ्री नंबर ढूंढकर कॉल करते हैं। कॉल करने पर मदद के नाम पर झांसे में लेते हैं।

चार स्टेप में होती है जालसाजी

1. एनी डेस्क एप डाउनलोड किए जाने के बाद नौ अंकों का एक कोड जेनरेट होता है।

2. साइबर अपराधी इस कोड को शेयर करने के लिए कहते हैं।

3. कोड अपराधी अपने मोबाइल फोन में फीड करता है तो संबंधित व्यक्ति के मोबाइल फोन का रिमोट कंट्रोल अपराधी के पास चला जाता है।

4. अपराधी खाता धारक के फोन का सभी डेटा चोरी कर लेता है। वह इसके माध्यम से यूपीआइ सहित अन्य वॉलेट से रुपए उड़ा लेते हैं।

बीएसएफ जवान से हुई थी ठगी

केस स्टडी 1

31 जनवरी 2020

बीएसएफ जवान सुरेश किस्पोट्टा के खाते से 1.90 लाख रुपए उड़ा लिए गए थे। उनके खाते से 2.40 लाख रुपये ठगी की कोशिश की गई थी। रातू के रहने वाले सुरेश किस्पोट्टा ने खाता संबंधित जानकारी के लिए गूगल के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया था। इसमें उनकी बात साइबर अपराधी से होने लगी। साइबर अपराधी ने उन्हें एनी डेस्क एप डाउनलोड करवा कर रुपए उड़ा लिया थे।

पिछले साल भी ऐसी ही ठगी

केस स्टडी 2

19 दिसंबर 2019

चंदनकियारी के पोलकिरी निवासी र¨वद्रनाथ ठाकुर के खाते से एक लाख रुपये उड़ा लिए गए थे। गूगल पर जाकर गूगल पे का हेल्पलाइन निकाला। उस नंबर पर कॉल करने पर उन्हें एनी डेस्क एप डाउनलोड करवाया गया। डाउनलोड करवाने के बाद उनके खाते से पांच अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए एक लाख रुपये उड़ा लिए गए थे। उन्होंने एयरपोर्ट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।