रांची: सिटी के लोगों की फिटनेस का ध्यान रखते हुए चार्टर्ड साइक्लिंग की शुरुआत की गई है। लेकिन बीते डेढ़ साल से इन साइकिलों का यूज ही नहीं हो सका है। दरअसल, कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए साल 2020 के अप्रैल महीने से एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस बंद हैं। चूंकि चार्टर्ड साइकिल का ज्यादातर प्रयोग युवा और स्कूल-कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स ही करते हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यही कारण है कि साइकिल का उपयोग नहीं हो पा रहा है। स्टैंड में पड़ी ये साइकिल कबाड़ होती जा रही हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दौर से ही सिटी में साइकिल सिस्टम पूरी तरह से ठप पड़ा है। फिलहाल इक्के-दुक्के लोग ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्टैंड में खड़ी हैं साइकिलें

साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को रांची के लोगों ने काफी पसंद किया था। चार्टर्ड साइकिल युवाओं की फ्रेंड बन चुकी है। वहीं कई डिलीवरी ब्वाय भी इसका इस्तेमाल करते हैं। लोगों की दिलचस्पी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सके, इसे देखते हुए शहर में साइकिलों की संख्या भी बढ़ाई गई है। साथ ही नए साइकिल स्टैंड भी बनाए गए हैं। सिटी में 86 लोकेशंस पर साइकिल स्टैंड बनाए गए हैं। लेकिन बीते डेढ़ साल से साइकिल अपने स्टैंड में ही खड़ी हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान साइकिल के सार्वजनिक प्रयोग पर रोक लगाई गई थी, लेकिन दूसरी लहर में बिना किसी रोक के ही लोगों ने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया। सुबह-सुबह साइक्लिंग करने वालों की संख्या भी इन दिनों पहले की अपेक्षा कम हो गई हैं।

साइक्लिंग के लिए अलग से लेन की है तैयारी

साइक्लिंग के लिए तीन अलग-अलग सड़कों को भी तैयार किया जा रहा है। साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। बिरसा चौक से प्रोजेक्ट भवन, बिरसा चौक से राजेंद्र चौक और बिरसा चौक से कांके रोड वाया हरमू बाइपास सड़क में साइक्लिंग के लिए अलग से लेन तैयार की जाएगी। साइकिल फॉर चेंज चैलेंज और स्ट्रीट फॉर पीपुल्स प्रतिस्पद्र्धा के तहत इन सड़कों का चयन किया गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।