रांची: राजधानी में साइक्लिंग का क्रेज लोगों में बढ़ता जा रहा है। लेकिन जब बाइकॉथन का नाम आता है तो बिना कुछ सोचे ही डेस्टिनेशन पर पहुंच जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को मोरहाबादी स्थित ट्राइबल म्यूजियम के सामने देखने को मिला। जहां साइक्लिंग के दीवाने अपनी साइकिल के साथ टूरिस्ट प्लेस बॉइकॉथन क्लब एक्टिविटी के लिए पहुंचे। फ्लैग आफ के बाद सभी धीरे-धीरे नेक्स्ट डेस्टिनेशन की ओर बढ़ चले। वहीं लोगों को यह संदेश भी दे रहे थे कि साइकिल से आप सिटी में टूरिस्ट प्लेस घूम सकते है। वह भी बिना किसी टेंशन के। इसके बाद टैगोर हिल होते हुए सभी चिरौंदी स्थित साइंस सेंटर तक गए। जहां सभी ने फिट रहने के लिए साइक्लिंग करने का संदेश दिया। साथ ही कहा कि हर किसी को साइकिल का यूज करना चाहिए। यह सदियों से एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए यूज किया जा रहा है।

क्या कहा साइक्लिंग के दीवानों ने

मैं तो साइक्लिंग रेगुलर करता हूं। इसी से अपने डेली के काम भी निपटाता हूं। बाइकॉथन के बारे में मुझे पहली बार पता चला। जब भी यह रैली होगी तो इसमें पार्टिसिपेट जरूर करूंगा।

ऋषभ कुमार

फिट रहने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं है। डेली 40 किलोमीटर साइक्लिंग करता हूं। वैसे भी मैं एक स्पो‌र्ट्स मैन भी हूं तो फिटनेस के लिए यह अच्छा आप्शन है। इससे इम्युनिटी बूस्ट होती है।

सुनील किस्पोट्टा

हर दिन साइकिल चलाता हूं। सुबह में मोरहाबादी ग्राउंड के 7 चक्कर लगाता हूं। ऐसा करने से मुझे कभी थकान नहीं होती। घर के काम के लिए भी साइकिल का इस्तेमाल करता हूं।

समीर

हर दिन पापा के साथ साइक्लिंग करना मेरी रूटीन में शामिल है। हर दिन एक नए रूट में हमलोग निकल जाते हैं। बाइकॉथन क्लब से जुड़ना अच्छा लगा।

प्रियांशु मित्रा

साइकिल चलाने से हमारी फिटनेस बनी रहती है। इसलिए कभी गाड़ी न भी मिले तो हमलोग कई किलोमीटर साइकिल से ही निकल जाते हैं। फिर काम करके वापस लौटते हैं।

सूरज पासवान

मुझे बैक पेन हो गया था और कई शहरों तक घूम कर आ गया। लेकिन पिछले दस दिनों से साइक्लिंग शुरू कर दी है। अब मुझे दवाओं की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसलिए सभी को साइकिल चलाना चाहिए।

सुधीर पासवान