रांची (ब्यूरो) । विस्थापित अधिकार मंच चांडिल कि ओर से अधिकार पदयात्रा सह एक दिवसीय सत्याग्रह विस्थापित प्रभावित लोग चांडिल से चांडिल से पैदल 140 किलोमीटर की दूरी तय राजभवन पहुंचे। हजारों की संख्या में विस्थापित मंगलवार को नामकुम स्कूल में विश्राम करते हुए सुबह पुन: राजभवन के लिए प्रस्थान किया।

इस दौरान बरगांवा जैक मैदान में अखिल भारतीय हम्यून राइट्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश मनोज कुमार सिंह के पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे विस्थापित मंच के अध्यक्ष राकेश महतो, नवोदय जनत्रांति पार्टी के अध्यक्ष मदन महतो, झारखण्ड मनावधिकार संघ के अध्यक्ष दिनेश किनू, कोल्हान प्रभारी राधाकृष्ण सिंह मुण्डा, समाजिक कार्यकर्ता संदीप मंडल, पुष्पा महतो, मंजू गोराई, सीतारानी महतो को माला पहनाकर स्वागत किया।

आयोग का गठन हो

राजभवन के समक्ष सत्यग्रह को संबोधित करते हुए मनोज कुमार सिंह ने कहा कि झारखण्ड में तत्काल ही विस्थापित आयोग का गठन किया जाए, ताकि झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों के विस्थापितों का निराकरण करते हुए जल्द ही उनकी समस्याओं को हल किया जा सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑर्गेनाइजेशन कि ओर से इस समस्या को लेकर केंद्र सरकार सके हस्तक्षेप करेनी की अपील करेंगे।

मुआवजा दे सरकार

विस्थापित मंच के राकेश महतो ने कहा कि दस सूत्री मांगों को लेकर कई वर्षो से अपनी लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन इसकी सूध लेने वाला कोई नहीं है। इसे देखते हुए मंच के पदयात्र सह सत्याग्रह राजभवन के समक्ष किया गया है। उन्होंने कहा कि चांडिल द्वारा विस्थापित के बदले 1980 में समझौता के तहत लागू करते हुए परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को नौकरी, 25 डिसमील जमीन, जमीन का पट, वर्तमान मूल्य के तहत मुवावजा मिले। मौके पर मनावधिकार संघ के अध्यक्ष दिनेश किनू ने कहा कि चांडिल डैम में 116 विस्थापित गांव में से 73 गांव आंशिक डूबा है और पूर्ण डूबा 43 गावं है, जिसमें 9 गांव अभी जल समाधि ले चुका है, 1992-93 वर्ष में नौकरी के लिए 1400 सूची बनाया गया, नियुक्ति पत्र भी दिया गया लेकिन सभी विस्थापित नियुक्ति पत्र के साथ सेवानिवृत हो गए और पदास्थापित नहीं किया गया। कई ऐसे गैर विस्थापित है जिन्हें जाली दस्तावेजों के साथ नियुक्ति दी गई। अपनी मांगों को पर बातों को रखते हुए राज्यपाल के सचिव को दस सूत्री मांग पर ज्ञापन विस्थापित मंच की ओर से सौपा गया। इस मौके पर पुष्पा महतो, सोमवारी महतो, सितारानी महतो, मलखान महतो, वशिष्ट समेत अन्य शामिल थे।