रांची (ब्यूरो)। हार्ट ऑफ सिटी स्थित बड़ा तालाब जिसे रांची लेक के नाम से भी जाना जाता है, उसके सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए फूंक दिए गए, लेकिन हालत किसी से छिपी नहीं है। तालाब के सौंदर्यीकरण का काम आज भी जारी है। बड़ा तालाब का नाम स्वामी विवेकानंद सरोवर तो कर दिया गया लेकिन तालाब सौंदर्यीकरण को लेकर हो रहे काम की गति काफी सुस्त है। एक ओर से काम चल रहा है तो दूसरी ओर से इसकी सूरत बिगड़ती जा रही है। तालाब के किनारे लगी लाइट्स भी आधी से ज्यादा खराब हो गई हैं। कई लाइट के पोल टेढ़े हो चुके हैं। किसी के तार निकल गए तो किसी के बल्ब फूट चुके हैं। इसके अलावा पाथ वे में लगाया गया टाइल्स भी टूटने लगा है। पुरानी रांची की तरफ से टाइल्स लगाए जा रहे हैं और सेवा सदन की ओर से टाइल्स पूरी तरह उखड़ चुकी है। टाइल्स लगाने में भारी अनियमितता देखी जा रही है। सीमेंट कम और बालू की मात्रा अधिक देकर टाइल्स लगाए जा रहे हैं, जो कुछ ही दिनों में टूट जा रहे हैं।

16 करोड़ फूंक डाले

बड़ा तालाब को संवारने के नाम पर करीब 16 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। लेकिन फिर भी तालाब की सूरत नहीं बदली। सौंदर्यीकरण के बाद भले ही इसका नाम बदल कर विवेकानंद सरोवर कर दिया गया। लेकिन तालाब की खूबसूरती में कोई खास बदलाव नहीं आया है। अलग-अलग फेज में तालाब का ब्यूटिफिकेशन हुआ। बीते चार साल से तालाब को संवारा जा रहा है। मगर यह आज भी अधूरा है। तालाब के चारों और दस करोड की लागत से पाथ वे का निर्माण कराया गया। लेकिन इसका इस्तेमाल आज भी चलने के लिए नहीं हो रहा है। लोग तालाब का भ्रमण तो करना चाहते हैै। लेकिन नगर विकास विभाग अबतक तालाब को उस स्थिति में डेवलप नहीं कर पाया है।

प्रतिमा निर्माण में भी करोड़ों खर्च

बड़ा तालाब और अब स्वामी विवेकानंद सरोवर के बीचो-बीच स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाई गई हैै। प्रतिमा और ब्रिज बनाने में भी करोड़ो रुपए खर्च कर दिए गए। लेकिन यहां आम पब्लिक का जाना आज भी सपना बना हुआ है। साल में एक दिन सिर्फ 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती के दिन इसे खोला जाता है, साफ सफाई होती है। फूल-माला चढ़ाकर फिर से बंद कर दिया जाता है। यहां आम नागरिकों की नो एंट्री रहती है। जबकि इसके निर्माण से पहले ही यह कहा गया था कि लोग बीच सरोवर में जाकर इसका दर्शन कर सकेंगे।

सभी योजना हवा-हवाई

बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण में दुकान, कैफेटेरिया, ओपेन एयर थियेटर, योगा बिल्डिंग, बायो टॉयलेट, प्ले जोन व रंग-बिरंगी लाइट्स, चार पहिया और दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्पॉट आदि बनाने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक सब कुछ हवा-हवाई ही है।

बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम समय पर पूरा करने को लेकर ठेकेदार को निर्देश दिया गया है। पाथ वे को जोडऩे सहित लैंड स्केपिंग के काम में भी तेजी लाते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया है।

मुकेश कुमार, म्यूनिसिपल कमिश्नर, रांची