रांची(ब्यूरो)। नगर निगम के काम करने के तरीके से सिर्फ आम पब्लिक ही नहीं परेशान है, बल्कि लोकल वार्ड कांउसेलर भी त्रस्त है। वार्ड में विकास कार्य के लिए पार्षद नगर निगम में आवाज उठाते हैं, लेकिन उनकी आवाज को निगम में बैठने वाले अधिकारी-पदाधिकारी अनसुना कर देते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी वार्ड सात की भी है। इस इलाके के खोरहा टोली स्थित खतरनाक नाले को आज तक न तो ढका गया और न ही इसे ऊंचा किया गया। यह वही स्थान है, जहां बीते साल एक युवक बहकर अपनी जान से हाथ धो बैठा। हादसे के बाद जनप्रतिनिधि समेत नगर निगम के अधिकारियों-पदाधिकारियों ने लगातार इलाके का दौरा किया। इस पुल को ऊंचा करने से लेकर नाला ढकने की कई योजनाएं बनीं। लेकिन सब ढाक के तीन पात ही साबित हुए। न तो पुल ऊंचा हुआ और न ही नाले को ढकने की कवायद हुई। डीजे आईनेक्स्ट के अभियान वार्ड छह और सात की पड़ताल की गई। वार्ड छह में आज भी कई इलाकों में सड़क का नामोनिशान नहीं है तो वार्ड सात में खुले नाले हादसों को न्योता दे रहे हैं।
1.25 करोड़ की थी योजना
खोरहा टोली स्थित पुलिया निर्माण के लिए एक करोड़ 25 लाख की योजना तैयार की गई थी। यहां वार्ड कांउसेलर सुजाता कच्छप ने बताया कि जब हादसा हुआ उस वक्त काफी बदनामी हुई, जिसके बाद काफी प्रयास कर पुलिया निर्माण की योजना तैयार की गई। लेकिन नगर निगम से बार-बार डिमांड के बाद भी फंड नहीं मिलने के कारण इस पुलिया को ऊंचा नहीं कराया जा सका।
जुगाड़ टेक्नोलॉजी से काम
मानसून को देखते हुए नगर निगम ने इस पुलिया के आसपास बांस-बल्ली से घेराव कर दिया है। यहां के लोगों ने बताया कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी नगर निगम लापरवाही बरत रहा है। पुलिया को ऊंचा करने के बजाय जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बांस लगा कर पुलिया की घेराबंदी करने में जुटा है। यहां पर छोटे-छोटे बच्चे खेलते हैं। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। खोरहा टोली में नीचला इलाका होने के कारण इस स्थान पर बड़े-बड़े नाले हैं, जो खुला होने के कारण काफी खतरनाक है। यहां के लोगों को डर है कि कहीं इस बारिश में भी दो साल पहले वाला हादसा न दुहरा जाए।
वार्ड छह में सड़क को तरस रहे लोग
वार्ड छह के कई इलाकों में आज भी सड़क नहीं है, जो सड़क थी उसकी स्थिति जर्जर हो चुकी है। यहां से आना-जाना भी मुश्किल होता है। बांधगाड़ी, शिवनगर, सरना टोली समेत ऐसे कई मुहल्ले हैं। जहां सड़क की हालत काफी खराब है। यहां से गुजरने वाले भयभीत होकर धीरे-धीरे गुजरते हैं। वार्ड के लोगों ने बताया कि सड़क की स्थिति काफी खराब है। इसके अलावा इस वार्ड के मुहल्लों में स्ट्रीट लाइट की परेशानी लोगों ने बताई। उनका कहना था कि रात में पूरे इलाके में अंधेरा छा जाता है। स्ट्रीट लाइट लगी है, लेकिन मेनटेनेंस नहीं होने के कारण कई लाइट जलती ही नहीं है। मुहल्ले में गंदगी की भी काफी समस्या है। डोर टू डोर कचरे का उठाव भी नहीं होता। बारिश में स्थिति नारकीय हो जाती है। वहीं वार्ड की पार्षद मोनिका खलखो को इन सबसे कोई मतलब नहीं है।
लोगों ने बताई परेशानी
खतरनाक नाली में एक युवक गाड़ी समेत बह गया। उसके बाद भी नगर निगम ने सबक नहीं ली। सुरक्षा के नाम पर लोगों के साथ मजाक किया जा रहा है। बांस-बल्ली से कैसे सुरक्षा होगी।
-सोनी कुमारी

सड़क नहीं होने से आवागमन में परेशानी होती है। नगर निगम सुविधा तो नहीं देता है। लेकिन टैक्स जरूर वसूलता है। कई इलाकों की स्ट्रीट लाइट खराब है। उसे बनाना भी निगम जरूरी नहीं समझ रहा।
-सुषमा कुमारी

वार्ड में समस्याओं का अंबार है। हर तरफ गंदगी फैली है। मुहल्ले में कभी फॉगिंग भी नहीं कराई जाती है। कुछ काम के लिए पार्षद मोनिका को फोन करने पर वह फोन भी नहीं उठाती हैं।
-दिलीप कुमार

मेरे इलाके में सड़क की स्थिति ठीक है। पुलिया के लिए मैंने निगम में आवाज उठाई, लेकिन इसे अनसुना कर दिया। दो साल पहले फंड मांगा गया था, लेकिन आज तक नहीं मिला।
-सुजाता कच्छप, वार्ड पार्षद, वार्ड सात

फोन नहीं उठातीं वार्ड 6 की पार्षद
वार्ड छह में व्याप्त समस्याओं के बारे में जब लोकल वार्ड काउंसेलर मोनिका खलखो को 7319604074 नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा और न ही व्हाट्सएप पर ही जवाब दिया। इससे जाहिर होता है कि वार्ड पार्षद अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर कितनी गंभीर हैं।