रांची: सावन की पूर्णिमा व अंतिम सोमवारी के मौके पर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ का 301 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पूरे महीने कांवड़ यात्रा बंद रहने के बाद आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट व राज्य सरकार के आदेशानुसार मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। सुबह 6.30 से दोपहर 2 बजे तक आम श्रद्धालुओं को बाबा का दर्शन कराने के लिए मंदिर का पट खुला रहा। इस दौरान दंडाधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सभी मानकों के साथ-साथ सामाजिक दूरी का अनुपालन कराते श्रद्धालुओं को बाबा बैद्यनाथ का दर्शन कराया गया। वहीं, स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई भी तीर्थपुरोहित मंदिर के गर्भ गृह में उपस्थित नहीं थे.इससे पहले सुबह 4.15 से 5.15 बजे तक तीर्थपुरोहितों के साथ छोटे लाल पंडा ने विधिवत बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना की। इससे पहले संताल परगना डीआईजी नरेन्द्र कुमार सिंह, उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी कमलेश्वर प्रसाद सिंह, एसपी पीयूष पांडे, बाबा मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी विशाल सागर द्वारा तड़के सुबह से ही बाबा मंदिर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था व विधि-व्यवस्था का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग

बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए विधि व्यवस्था एवं सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से मंदिर के आसपास के क्षेत्रों के अलावा मंदिर प्रांगण में दंडाधिकारी, पुलिस बल के जवान एवं मंदिर कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इसके अलावा मंदिर प्रांगण में प्रवेश के दौरान सामाजिक दूरी का अनुपालन कराते हुए श्रद्धालुओं को थर्मल स्कैनर से स्कैन करने के बाद मास्क का उपयोग करवाते हुए एवं सेनेटाइज्ड करते हुए फुटओवर ब्रिज के माध्यम से बाबा मंदिर में प्रवेश कराया गया।

आज से फिर ऑनलाइन दर्शन

इसके अलावा बाबा मंदिर प्रभारी सह अनुमंडल पदाधिकारी विशाल सागर द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य में लागू लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मंगलवार से पूर्व की तरह बाबा मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। भादो माह में मंदिर खोलने को लेकर राज्य सरकार के निर्देशानुसार आगे की व्यवस्था शुरू की जाएगी। साथ ही बाबा मंदिर में परम्परागत प्रात: एवं संध्या कालीन पूजा के दौरान सिर्फ तीर्थ पुरोहित ही सीमित संख्या में पूजा में सम्मिलित होंगे और सोशल डिस्टेंसिंग व स्वास्थ्य संबंधी अन्य मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। झारखण्ड उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार किसी भी स्थिति में उपरोक्त पूजा में महिलाओं, बच्चों सहित किसी भी बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश मंदिर के अंदर वर्जित रहेगा। प्रात: एवं संध्या कालीन पूजा में सिर्फ पूजा-पाठ करने वाले तीर्थपुरोहित ही सीमित संख्या में सम्मिलित होंगे। इसके अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति का मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं होगा।