रांची: राजधानी में इन दिनों घरों को हरा-भरा बनाने का ट्रेंड चल पड़ा है। ऐसे में जाहिर है कि प्लांट खरीदने के लिए लोग नर्सरी का रुख करेंगे, जहां पर लोगों को प्लांट मिल जाते हैं। लेकिन इसी नर्सरी में बीमारी बांटने का भी इंतजाम है। जहां पौधों के लिए तैयार किए गए गमले समेत अन्य जगहों पर भी पानी जमा है। इससे सिटी में डेंगू-चिकनगुनिया फैलने का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, कई जगहों पर गंदे पानी की वजह से अन्य बीमारियां फैलने का भी डर सता रहा है। इसके बावजूद नगर निगम ने डोर टू डोर स्क्रीनिंग की रफ्तार नहीं बढ़ाई है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो सिटी में डेंगू-चिकनगुनिया का कहर झेलना होगा।

जहां-तहां चल रही नर्सरी

सिटी में नर्सरी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। कई जगहों पर तो इसके लिए परमिशन भी नहीं है। किसी ने अपने घर के कैंपस में ही नर्सरी खोल दी है तो कोई रोड किनारे अपना कारोबार कर रहा है, जहां से हर दिन हमारे शहर के अधिकारी भी गुजरते हैं। इतना ही नहीं, वे लोग अपने घर और बगीचे के लिए प्लांट की भी खरीदारी करते हैं। फिर भी नर्सरी की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। वहीं, संचालक भी केवल कारोबार करने में जुटे हुए हैं। इस बीच नर्सरी की अव्यवस्था के कारण अगर बीमारी फैल जाए तो इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा।

आरएमसी-हेल्थ डिपार्टमेंट सुस्त

नगर निगम ने पूरे शहर में स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया है। इसके तहत घरों के आसपास इलाके में जाकर लोगों को अवेयर किया जा रहा है कि घरों में पानी जमा न होने दें। वहीं लार्वीसाइडल का भी छिड़काव कराया जा रहा है। लेकिन नगर निगम की रफ्तार अभी धीमी चल रही है। अगर यहीं रफ्तार रही तो बरसात खत्म होने के बाद भी बड़ी आबादी तक नगर निगम और हेल्थ डिपार्टमेंट के लोग नहीं पहुंच पाएंगे।

नर्सरी के संचालन को लेकर कोई नियम मेरी जानकारी में नहीं है। अगर शहर में बिना नियम के नर्सरी चल रही हैं और लापरवाही बरती जा रही है तो उस पर नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी।

मनोज कुमार, नगर आयुक्त, आरएमसी