RANCHI : राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में इलाज के लिए झारखंड, बिहार के अलावा अन्य राज्यों से भी मरीज पहुंचते हैं। लेकिन हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। वहीं हाईकोर्ट ने भी इसके लिए प्रबंधन को फटकार लगाई है। लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हॉस्पिटल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है। इतना ही नहीं, कई जगहों पर खुले में बायो वेस्ट जलाया भी जा रहा है, जिससे निकलने वाला जहरीला धुआं आसपास के लोगों को बीमार कर रहा है। वहीं, खुले में फेंके जाने के कारण हवा में भी जहर घुल रहा है।

पीपीई किट समेत कई चीजें खुले में

पहले हॉस्पिटल से बायोमेडिकल वेस्ट निकलता था, जिसका प्रॉपर डिस्पोजल इंसीनरेटर में ले जाकर किया जाता था। लेकिन कोरोना के कारण अब पीपीई किट समेत अन्य कई वेस्ट निकल रहे हैं, जो सामान्य बायोवेस्ट से ज्यादा खतरनाक हैं। इसके डिस्पोजल को लेकर भी गाइडलाइन तय है। लेकिन कोई गाइडलाइन फॉलो नहीं किया जा रहा है। वहीं खतरनाक वेस्ट होने के बावजूद डिस्पोजल में लापरवाही बरती जा रही है।

कैंपस में फेक रहे स्टाफ्स

हॉस्पिटल में आम दिनों की तुलना में अब वेस्ट ज्यादा निकल रहा है। इस वजह से डिस्पोजल को लेकर किए जा रहे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं इंसीनरेटर में भी पूरा कचरा नहीं जल रहा है। ऐसे में सफाई में जुटे कर्मी हॉस्पिटल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट इंसीनरेटर तक ले तो जा रहे हैं, लेकिन जलाने की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होने के कारण जहां-तहां कैंपस में ही फेंक दे रहे हैं।

मेडिकोज पर भी खतरा

एक मरीज के पास से एवरेज 250 ग्राम वेस्ट निकलता है। वहीं पूरे हॉस्पिटल की बात करें तो हर दिन 700 किलो से अधिक वेस्ट निकल रहा है। लेकिन इंसीनरेटर में इतने वेस्ट का डिस्पोजल नहीं हो पा रहा है। अब कचरा बाहर में फेंका जा रहा है, जिससे कि कैंपस में घूमने वाले आवारा मवेशियों को भी इन्फेक्शन होने का खतरा है। जबकि आसपास में रहने वाले मेडिकोज की सेहत पर भी खतरा मंडरा रहा है।

संकट में आसपास की आबादी

मेडिकल वेस्ट से होने वाले संक्रमण और बीमारियों की जद में आसपास रहने वाली आबादी भी है। खुले में बायो मेडिकल वेस्ट न सिर्फ डंप हो रहा है, बल्कि जलाकर डिस्पोज भी किया रहा है। ऐसे में कचरे के बदबू और धुएं से यहां पास में रहने वाले भी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसे लेकर कंप्लेन भी दर्ज कराई जा चुकी है।

हाईकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं

बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल को लेकर हाईकोर्ट के आदेश की भी परवाह रिम्स प्रबंधन को नहीं है। रिम्स कैंपस डंपिंग यार्ड बना हुआ है, जहां मेडिकल कचरे को खुले में जलाया जा रहा है। जबकि, हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि किसी भी कीमत में बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में डंप नहीं किया जाए। साथ ही कहा था कि अगर कोई इसका उल्लंघन करता हो तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, पर यहां तो रिम्स प्रबंधन की मनमानी चल रही है।

क्या है गाइडलाइंस

हॉस्पिटल से निकलने वाला कचरा खुले स्थान पर फेंक नहीं सकते हैं। इससे प्रदूषण फैलता है और लोगों में इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में डिस्पोजल की जिम्मेवारी हॉस्पिटल की होती है। लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन ही लापरवाह बना हुआ है, जिससे न जाने कितने लोगों को जान का खतरा बना हुआ है।