RANCHI:रुगड़ीगढ़ा में सरकार ने जिन गरीबों के लिए फ्लैट का निर्माण कराया था, उनमें अब भी करीब 100 फ्लैट उनके असली हकदारों को नहीं मिल पाया है। दूसरी ओर, करीब 94 फ्लैट्स पर अवैध कब्जा हो गया है। यह स्थिति तब है, जब शहर में जगह-जगह अवैध रूप से स्लम बस चुके हैं और सरकार उनके पुनर्वास के लिए रोज नया प्लान बना रही है।

गरीबों का बना था आशियाना

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना जेएनएनयूआरएम के तहत शहर को स्लम मुक्त करने के लिए बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पुअर (बीएसयूपी) योजना के तहत रांची के रातू रोड स्थित रुगडीगढ़ा में फ्लैट बनवाए गए थे। गरीब परिवार जिनके पास रहने के लिए अपना मकान नहीं है, वैसे लोगों को बसाने के लिए पक्के आवास बनाकर बसाने की योजना थी। लेकिन सरकार द्वारा निर्मित फ्लैट पर अवैध कब्जा हो गया है। यहां 94 फ्लैट पर कब्जा कर बाहरी लोग रह रहे हैं। जरूरतमंद लोगों को यहां आने का इंतजार आज भी है।

जर्जर होने लगे हैं भवन

बेसिक सर्विसेज फ ॉर अर्बन पुअर (बीएसयूपी) योजना के तहत रुगडीगढ़ा में बने भवन में लोगों को रहने के लिए जगह नहीं मिली। आलम यह है कि यहां के भवन अब जर्जर हाल में पहुंच गए हैं। इस भवन में लगे सभी बिजली के तार, पानी टंकी, बिजली के बोर्ड चोरी हो चुके हैं। करोड़ों के बजट में निर्मित हुए इस भवन में जरूरतमंद लोग आज भी नहीं रह रहे हैं।

निगम की टीम ने की है जांच

जांच में पता चला कि 94 फ्लैट में ऐसे लोग रह रहे हैं जिन्हें नगर निगम की तरफ से आवंटन नहीं किया गया है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही फ्लैट पर अवैध रूप से काबिज लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद ही 94 फ्लैट को कब्जे से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। रांची नगर निगम के अधिकारियों को बहुत पहले से इसकी जानकारी है कि यहां जो जरूरतमंद लोग हैं, उनको फ्लैट नहीं मिल पाया है। यहां के बहुत सारे मकानों पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा लिया है। इसके बाद भी निगम के अधिकारी कुछ खास नहीं कर रहे हैं।

बनाया गया है तीन मंजिला भवन

नगर निगम ने बीएसयूपी योजना के तहत रुगड़ीगढ़ा में तीन मंजिला बिल्डिंग बनाई है। यहां कुल 352 फ्लैट बनाए गए हैं। इनमें से 258 फ्लैट का ही आवंटन किया गया है। जिन लाभुकों को आवास का आवंटन हो गया है, वे अपने अपने आवास में रह रहे हैं। 94 फ्लैट खाली थे। इन फ्लैटों पर भी लोगों ने कब्जा कर रहना शुरू कर दिया है। यहां रहने के लिए बहुत सारे लोगों ने नगर निगम को आवेदन भी दिया है, लेकिन उनको यहां रहने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।

इनको रहना था यहां

दरअसल पूर्व में इन स्थानों पर इस्लाम नगर वासियों को बसाने की योजना थी। लेकिन इस्लामनगर वासियों ने यहां आने से इनकार कर दिया। इसके बाद हरमू रोड स्थित वाल्मीकि नगर में रहने वाले विस्थापितों को बसाने की योजना बनी। वाल्मीकि नगर वासियों ने अपने स्थान को खाली करने से मना कर दिया। इसके बाद विस्थापितों को बसाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। यहां पर वर्तमान में बहू बाजार स्थित बनस तालाब के पास जो लोग पहले रहते थे, उनको लाकर बसाया गया है। लेकिन रुगड़ीगढ़ा के नीचे स्लम एरिया में जो लोग रहते थे, उनको आज भी यहां आने का इंतजार है।