रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में जूनियर डॉक्टरों ने दूसरे दिन भी स्ट्राइक जारी रखी। सुबह से ही ओपीडी को ठप करा दिया। सीनियर डॉक्टर ओपीडी में बैठे थे तो उन्हें भी बाहर निकालकर ताला लगा दिया गया। इससे इलाज को आए मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इतना ही नहीं, कई मरीज तो बिना इलाज कराए ही ओपीडी से लौट गए। इनका कहना था कि पता होता तो रिम्स में इलाज कराने ही नहीं आते। हालांकि दोपहर में पुलिस की मौजूदगी में प्रबंधन ने ओपीडी खुलवाया और मरीजों का इलाज किया गया।

रजिस्ट्रेशन काउंटर तक बंद

स्ट्राइक के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने सुबह में रजिस्ट्रेशन काउंटर को भी बंद करा दिया। इससे इलाज के लिए आए मरीज परेशान हो गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि ऐसी स्थिति में क्या करें। इसके बाद जिन्हें डॉक्टर से दिखाना जरूरी था तो वे इमरजेंसी में चले गए। वहां पर जेनरल मरीजों की भी लाइन लग गई।

बाकी सेवाओं को भी बाधित करने की तैयारी

सातवां वेतनमान लागू करने को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इनका कहना है कि आदेश के बावजूद आजतक लागू नहीं किया गया है। इसलिए जूनियर डॉक्टर हड़ताल जारी रखेंगे और आने वाले दिनों में अन्य सेवाओं को भी बाधित किया जाएगा। इस बीच पुलिस के साथ भी उनकी कहा सुनी हुई। लेकिन बाद में पुलिस ने ओपीडी काउंटर और ओपीडी खुलवाया। तब मरीजों ने थोड़ी राहत की सांस ली।

केस 1

श्रूति राज अपने बच्चे को लेकर पेडियाट्रिक ओपीडी में आई थीं, जहां ओपीडी में पहुंचने पर पता चला कि ताला लगा है। इसके बाद थोड़ी देर के लिए वह सोच में पड़ गई। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। बाद में वह अपने बच्चे को लेकर लौट गईं।

केस 2

त्रिभुवन सिंह अपने बच्चे की बीमारी से परेशान थे। उसे लेकर परिजन रिम्स आए। ओपीडी में जब डॉक्टर नहीं मिले तो वहीं पर कंबल बिछाकर डेरा डाल दिया। कहा कि अब बच्चे को दिखाकर ही जाएंगे चाहे जो भी टाइम लगे।