रांची : कोरोना महामारी के इलाज में निजी अस्पतालों की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस बीच राजधानी के प्रॉमिस हेल्थ केयर आरएमसी हॉस्पिटल के खिलाफ मंगलवार को रांची जिला प्रशासन को शिकायत की गई। प्रशासन के अधिकारियों को बताया गया कि अस्पताल प्रबंधन ने दो लाख 77 हजार रुपये इलाज का बिल नहीं देने पर परिजनों को मरीज का शव नहीं दिया जा रहा। करीब दस घंटे से शव अस्पताल में पड़ा है। शिकायत के आधार पर एसडीओ ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। इसमें तय किया गया कि एक लाख 70 हजार रुपये के बिल का भुगतान किया जाए। इसके बाद प्रबंधन ने शव को परिजनों को सौंपा। गौरतलब है कि ऐसा तब हो रहा है जब सरकार ने पहले से ही कोरोना के इलाज की रकम तय कर दी है।

10 मई से भर्ती था मरीज

जिले के बुढ़मू प्रखंड के बड़कामुरू के रहने वाले अखेवर सिंह 10 मई को प्रॉमिस हेल्थ केयर आरएमसी हॉस्पिटल में भर्ती किए गए थे। उन्हें आइसीयू के बेड नंबर 25 पर भर्ती किया गया था। डाक्टर शक्ति कुमार की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। अखेवर सिंह की कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इस बीच संक्रमण उनके फेफड़े तक पहुंच गया था। किडनी भी काम नहीं कर रही थी। इसके बाद अखेवर सिंह ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि आठ दिन में उनके इलाज का बिल दो लाख 77 हजार रुपये आया। परिजन यह रकम देने में असमर्थ थे। अस्पताल प्रबंधन उन्हें शव नहीं दे रहा था। इस पर परिजनों ने मामले की शिकायत रांची के एसडीओ से की। एसडीओ ने अस्पताल प्रबंधन से बात की। बाद में तय हुआ कि परिजन एक लाख 70 हजार रुपये का भुगतान प्रबंधन को कर दें तो शव सौंप दिया जाएगा। परिजनों ने यह रकम प्रबंधन को दे दी। प्रॉमिस हेल्थ केयर आरएमसी अस्पताल का उद्घाटन 28 अप्रैल को हुआ था।