रांची(ब्यूरो)। एक वक्त था, जब रूरल एरिया में बैंकिंग फैसिलिटीज का घर-घर पहुंचना सपना मात्र था, लेकिन आज सीएम हेमन्त सोरेन की पहल पर सखी मंडल की बहनें बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखी के रूप में इस सपने को साकार कर रही हैं। रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के तहत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी के अंतर्गत राज्य भर में 4,619 बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखी कार्यरत हैं, जो रूरल एरिया के लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रही हैं। बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखियों की वजह से अब गांव के लाचार एवं बुजुर्ग लोगों को घर बैठे पेंशन समेत अन्य जमा निकासी की सुविधाएं मिल रही हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपने पैसे खर्च कर बैंकों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ते।

घर बैठे मिल रहीं पेंशन

राज्य के सुदूर रूरल एरियाज में बैंकिंग सेवाओं को डोरस्टेप पर पहुंचाने के लिए 4619 बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट(बीसी)सखियां काम कर रही हैं। ये सभी बीसी सखियां सखी मंडल द्वारा चयनित हैं। राज्य की बीसी सखियां हर महीने रूरल एरियाज से 120 करोड़ रुपए की लेन-देन करती हैं। वहीं हर माह करीब 2.7 लाख लोगों द्वारा ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखी के जरिए सुदूर गांवों में बैंकिंग सुविधाएं अब लोगों को डोरस्टेप पर मिल रही हैं। सुदूर गांवों में खाता खोलना, जमा-निकासी, बीमा, सखी मंडलों की जमा निकासी, पेंशन एवं छात्रवृत्ति भुगतान जैसी सभी सेवाएं लोगों को दरवाजे पर उपलब्ध हो रही हैं। इससे बुजुर्गों समेत अन्य जरूरतमंदों को अपनी पेंशन की राशि घर बैठे मिल रही है।

साइस्ता की मंथली लेनदेन एक करोड़

पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा की साइस्ता परवीन हर महीने करीब 1 करोड़ रुपए की लेनदेन करती हैं। वहीं, गुमला की निशा देवी हर महीने करीब 1.08 करोड़ रुपए की लेनदेन करती हैं। इस पहल से एक ओर जहां गांव की दीदियों को बीसी सखी के रूप में स्वरोजगार उपलब्ध हो रहा है, वहीं सुदूर गांव के हर परिवार तक उनके दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं भी पहुंच पा रही हैं।

कोरोना काल में भी सेवाएं

खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड की सोनिया कंसारी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखी हैं, जो अपनी पंचायत के लोगों तक निरंतर बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा रही हैं। पैसा जमा-निकासी से लेकर बीमा तक की सभी सेवाएं सोनिया लोगों को घर-घर जाकर दे रही हैं। सोनिया हर महीने 25-30 लाख रुपए तक की लेनदेन कर लेती हैं। अपना अनुभव साझा करते हुए सोनिया कहती हैं कि कोविड के मुश्किल समय में भी मैं घर-घर जाकर कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करते हुए लोगों तक सुविधाए पहुंचा रही हूं। मुझे इस काम से बहुत खुशी व गर्व महसूस होता है कि मैं मुसीबत में लोगो के काम आ रही हूं और अच्छी आमदनी भी कर रही हूं।

रूरल एरियाजमें बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखी पहल की जरूरत एवं महत्ता को देखते हुए राज्य में कार्यरत 3471 डीजी पे सखियों को बैंकिंग कॉरेस्पोंडेट सखी के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। इस कड़ी में सभी बैंकों को जरूरी सहयोग करने को कहा गया है। वर्तमान में डीजी पे सखियां सिर्फ आधार आधारित जमा निकासी की सेवा देती हैं। बीसी सखी के रूप में नियुक्ति के बाद वो जमा, निकासी, छात्रवृत्ति, पेंशन, सखी मंडल के खाते से लेनदेन, खाता खोलना एवं बीमा जैसी सभी सेवाएं दे सकेंगी। इस पहल से उनकी आमदनी भी बढ़ेंगी और लोगों को बैंकिंग सेवाएं घर के दरवाजे पर उपलब्ध भी होगा।

-डॉ। मनीष रंजन, सचिव, रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट, झारखंड