रांची (ब्‍यूरो)। राज्य में बसों का संचालन शुरू करने की इजाजत जिन शर्तों पर मिली है, उनमें यात्रियों पर ही अधिक बोझ पड़ता दिख रहा है। बस संचालकों ने बड़ी चालाकी से तय कर लिया है कि अभी भाड़ा नहीं बढ़ाएंगे, लेकिन दो सीट पर एक यात्री बैठेंगे तो उन्हें दोनों ही सीटों का किराया देना होगा। हालांकि बस संचालकों का प्रतिनिधिमंडल इस मसले पर सोमवार को परिवहन सचिव व विभाग के अन्य अधिकारियों से मिलेगा, इसके बाद ही इस प्रस्ताव पर मुहर लगेगी। बताते चलें कि पूर्व में झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने 25 से 50 फीसद भाड़ा बढ़ाने की बात कही थी, जिसे बस संचालकों ने अस्वीकार कर दिया था। इधर रविवार को रांची में हुई बस संचालकों की बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

दिशा-निर्देश का पालन

बहरहाल राज्य में बसों के संचालन के लिए जारी दिशानिर्देश को बसों के संचालक पूरी तरह से मानने के लिए तैयार हैं और इसी आधार पर बसों के संचालन की तैयारी में जुटे हैं। झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने बताया कि बस संचालक झारखंड के सभी जिलों में भाड़ा बढ़ाना चाह रहे थे। अधिसंख्य जिलों में सौ फीसद तक भाड़ा बढ़ाने की बात कही गई थी। इसके बाद तय हुआ कि भाड़ा नहीं बढ़ाकर यात्रियों से ही दो सीटों का पैसा वसूला जाए। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व देवघर से 70 फीसद और हजारीबाग से 80 फीसद भाड़ा बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य मुख्यालय पहुंचा था। चाईबासा, पलामू आदि जिलों ने सौ फीसद तक भाड़ा बढ़ाने की मांग की थी। इधर परिवहन विभाग के सूत्रों ने साफ किया है कि बस भाड़ा बढ़ाने को लेकर कोई बैठक सोमवार को निर्धारित नहीं है। इस बीच बस संचालकों के दोनों गुटों ने सोमवार की शाम तक स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है।