रांची(ब्यूरो)। झारखंड में 16 से अधिक प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की जांच विधानसभा की कमिटी करेगी। इन सभी 16 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की जांच के लिए राज्यपाल ने पिछले साल ही जांच का आदेश दिया था, उनकी जांच अभी चल ही रही है, उसकी अब तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। अब उन्हीं यूनिवर्सिटीज की दोबारा जांच विधानसभा की कमिटी भी करेगी। ऐसे में यह बात उठने लगी है कि एक जांच पूरी नहीं हुई कि दूसरी जांच शुरू। आखिर ऐसा क्यों।

अगस्त में राज्यपाल का आदेश

अगस्त 2022 में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने राज्यपाल रमेश बैस के आदेश पर निजी यूनिवर्सिटीज की जांच शुरू की है। विभाग ने इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक कमिटी के अलावा चार उप समितियां भी गठित की हैं। उपसमितियां राज्य की सरकारी यूनिवर्सिटीज के कुलसचिवों की अध्यक्षता में गठित की गई हैं। निजी यूनिवर्सिटी यूजीसी की गाइडलाइन तथा राज्य सरकार द्वारा लागू मॉडल, नियम की शर्तों का कितना अनुपालन कर रही हैं तथा उनमें आधारभूत संरचनाओं, शिक्षकों की उपलब्धता की स्थिति क्या है, इसकी जांच की जा है।

इन यूनिवर्सिटीज की जांच

-आईसेक्ट यूनिवर्सिटी हजारीबाग,

-रामचंद्र चंद्रवंशी यूनिवर्सिटी पलामू,

-कैपिटल यूनिवर्सिटी कोडरमा

-राधा गोविंद यूनिवर्सिटी रामगढ़

-राय यूनिवर्सिटी रांची

-साईं नाथ यूनिवर्सिटी रांची

-उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी रांची

-अमेटी यूनिवर्सिटी रांची

-प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी रांची

-सरला बिरला यूनिवर्सिटी रांची

-वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची

-आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी रांची

-अरका जैन यूनिवर्सिटी

-नेताजी सुभाषचंद्र यूनिवर्सिटी जमशेदपुर

-श्रीनाथ यूनिवर्सिटी जमशेदपुर

-इक्फ ाई यूनिवर्सिटी, रांची

अब विधानसभा कमिटी करेगी जांच

इधर, झारखंड में चल रही सभी निजी यूनिवर्सिटीज की जांच अब विधायकों की पांच सदस्यीय कमिटी करेगी। इसका गठन विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की ओर से किया गया है। कमिटी जांच के दौरान इस बात को देखेगी कि राज्य सरकार की ओर से तय मानदंडों का अनुपालन यूनिवर्सिटी की ओर से किया जा रहा है या नहीं। कमिटी का अध्यक्ष विधायक स्टीफन मरांडी को बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से गठित कमेटी में स्टीफ न मरांडी के अलावा विनोद सिंह, केदार हाजरा, लंबोदर महतो व रामचंद्र सिंह शामिल हैं।

यूजीसी गाइडलाइन का मामला

राज्य के अधिकांश निजी यूनिवर्सिटीज द्वारा यूजीसी की गाइडलाइन का पालन किए बिना छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। उन्हें डिग्रियां दी जा रही हैं। न तो इनमें पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर हैं और न ही अन्य संसाधन। इन विवि की एकमात्र मंशा विद्यार्थियों से पैसे लेकर फ र्जी डिग्री बांटना है। ये बिना पढ़ा, डिग्रियां बांट रहे हैं, उन पर नियंत्रण बहुत जरूरी है।

25 एकड़ में बनी यूनिर्वसिटी

निजी यूनिवर्सिटीज के लिए राज्य सरकार ने 25 एकड़ भूमि अनिवार्य की है। यूजीसी 107639 में शैक्षणिक, 10763 वर्ग फ ट में प्रशासनिक भवन, 25 परसेंट छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था का प्रावधान है। राज्य में चलने वाली अधिकांश यूनिवर्सिटीज के पास पर्याप्त जमीन नहीं है। कुछ व्यवस्था में लगी हैं। छत्तीसगढ़ में 2001 में 125 निजी विवि संचालित थे। जांच और कार्रवाई के बाद 119 बंद हो गईं। सिर्फ छह ही बची हुई हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना मानक के नहीं चल सकती निजी यूनिवर्सिटी। निजी विवि के संचालन में प्रो यशपाल बनाम छत्तीसगढ़ मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बेंचमार्क है। 11 फरवरी 2005 के फैसले में कहा था कि वही निजी यूनिवर्सिटी संचालित होंगी, जहां यूजीसी के तय मानकों के हिसाब से इंफ्र ास्ट्रक्चर व पढ़ाई होगी। झारखंड में इसका पालन नहीं हो रहा है।

क्या हैं हालात

आईसेक्ट, हजारीबाग : यह यूनिवर्सिटी 2016 से मटवारी क्षेत्र में एक चार मंजिला किराए के भवन में चल रही है। एक फ्लोर 6000 वर्ग फीट का है। एल्युिमनियम पार्टिशन कर क्लासरूम व ऑफिस बनाए गए हैं। जबकि यूनिवर्सिटी का स्थाई परिसर शहर से 14 किमी दूर तरवा गांव में है। यहां दो ब्लॉक निर्माणाधीन है। एक समय में अधिकतम 1500 विद्यार्थी पढ़ते हैं।

-झारखंड राय यूनिर्वसिटी रांची: इसकी स्थापना 2012 में हुई। छात्र 1500, आठ एकड़ लीज की भूमि। फैकल्टी के लिए आवास नहीं। 100 छात्रों का हॉस्टल।

राधा गोविंद यूनिवर्सिटी, रामगढ़: स्थापना 2018, छात्र 5000, डिग्री हर साल 1500 को। कैंपस 20 एकड़ में।

आरकेडीएफ यूनिर्वसिटी रांची: स्थापना 2019, विद्यार्थी 600, कैंपस आठ एकड़ व लीज की बिल्डिंग में। 25000 वर्ग फ ट में भवन, नामकुम में 25 एकड़ जमीन खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया गया है।

अमिटी यूनिवर्सिटी, रांची: स्थापना 2016, छात्र 1200, अब तक 716 विद्यार्थियों को डिग्री। 3 किराये के भवन में। हॉस्टल नहीं, नयासराय में करीब 10 एकड़ में कैंपस बन रहा है।

इक्फ ाई यूनिवर्सिटी : स्थापना 2013, विद्यार्थी 800, कैंपस 1.5 एकड़ में। 54000 वर्ग फीट में भवन। छात्रावास नहीं। सात एकड़ भूमि खरीदी गई है। इसमें भवन बनाया जा रहा है।

कैपिटल यूनिवर्सिटी कोडरमा: स्थापना 2018, छात्र 2000, डिग्री 300 को। चित्रगुप्त नगर में भाड़े के मकान में चल रही है। 25 एकड़ जमीन नीरू पहाड़ी के पास है

वाईबीएन यूनविर्सटी रांची: स्थापना 2017. छात्र 2500. नामकुम में 22 एकड़ में अपना कैंपस।