- रिम्स में नालियां ओवरफ्लो, कई जगह जमा है पानी

- कई जगह मेन होल भी है ओपन

- सफाई पर प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान

ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

RANCHI (5 छ्वड्डठ्ठ) : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में लोग इलाज के लिए आते हैं। वहीं इलाज के बाद ठीक होने का भी उन्हें भरोसा है। लेकिन, इतने बड़े हॉस्पिटल में बीमारी बांटने का भी पूरा इंतजाम है। जहां हॉस्पिटल के चारों नालियां ओवर फ्लो हो रही हैं। वहीं कुछ जगहों पर गंदा पानी बह रहा है, जिसमें मच्छर पनपने की पूरी आशंका है। इतना ही नहीं पास में इलाज करा रहे मरीजों को इंफेक्शन होने का भी डर सता रहा है। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन सफाई को लेकर गंभीर नहीं हो रहा है।

सालाना 3.5 करोड़ सफाई पर खर्च

हॉस्पिटल की सफाई के लिए प्रबंधन ने एजेंसी को काम दे रखा है। इसके लिए एजेंसी को हर साल लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए का भुगतान भी करता है। इसके बावजूद सफाई की व्यवस्था नहीं सुधर रही है। दिखावे के लिए केवल फ्लोर और वार्डो की सफाई करा दी जाती है। वहीं वेस्ट कलेक्शन को निकालकर ये लोग बाहर डाल आते हैं। जबकि नालियों और वाटर लॉगिंग पर इनका ध्यान नहीं है।

200 से अधिक स्टाफ, सफाई बदहाल

एजेंसी ने सफाई में 200 से अधिक स्टाफ्स को ड्यूटी पर तैनात किया है। हॉस्पिटल के कारपेट एरिया से लेकर वार्ड, गैलरी, ड्रेनेज, ओपीडी कांप्लेक्स के अलावा कैंपस के रोड की सफाई का जिम्मा उन्हें दिया गया है। लेकिन ये लोग भी अपनी मर्जी से काम करते हैं। रेगुलर मॉनिटरिंग वाली जगहों पर तो सफाई करते हैं, बाकी अन्य जगहों पर डंडी मारकर निकल जाते हैं। इस वजह से स्थिति खराब होती जा रही है।

किचन

हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों का खाना किचन में बनता है। जहां पर एक साथ 1500 मरीजों का खाना बनाया जाता है। लेकिन आसपास में हाइजीन का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा जाता। पास में ही नाली बजबजा रही है।

ऑर्थो वार्ड

बेसमेंट में हॉस्पिटल का ऑर्थो वार्ड और प्रीजनर वार्ड है। जहां पर दर्जनों मरीजों का इलाज इनडोर में चल रहा है। वहीं कुछ दूरी पर ही ड्रेनेज का पानी कई दिनों से जमा है। जिससे कि वहां मच्छर पनप रहे हैं। इसके अलावा कई तरह के कीड़े भी उसमें पैदा हो गए है।

सुपर स्पेशियलिटी

इस विंग को हॉस्पिटल का बेहतर विंग माना जाता है। लेकिन यहां भी लापरवाही के कारण स्थिति खराब होती जा रही है। ड्रेनेज का पानी लगातार बिल्डिंग के बाहर बह रहा है। जिससे कि मरीजों और उनके परिजनों को दिक्कत होती है।

ट्रॉमा

छह महीने पहले इस विंग की शुरुआत हुई। स्पेशल फैसिलिटी से लैस इस बिल्डिंग के अंदर तो व्यवस्था दुरुस्त है। लेकिन बाहर की स्थिति ठीक नहीं है। नालियों की कई दिनों से सफाई ही नहीं कराई जा रही है। जिससे कि मच्छर पनप सकते हैं।