रांची: कोरोना संक्रमण के प्रकोप और लॉकडाउन की वजह से 2020 के मार्च महीने से ही सिटी के स्कूल-कॉलेज समेत अन्य सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। बीते लगभग डेढ़ साल से बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन ही हो रही है। 18 महीने से बच्चों ने अपने स्कूल का भवन तक नहीं देखा है। वहीं दूसरी ओर जिस भवन में बच्चों की पढ़ाई होती थी वो अब अपराधियों और नशेडि़यों का मनपंसद अड्डा बन चुका है। खाली और वीरान पडे़ सरकारी स्कूल के भवनों में हर शाम बोतलें खुल रही हैं। पुलिस और आसपास रहने वाले लोगों से छिपकर नशेड़ी स्कूल की बिल्डिंग में ड्रिंक और गांजे का सेवन कर रहे हैं। ऐसी शिकायत किसी एक इलाके से नहीं, बल्कि सिटी के अलग-अलग इलाकों में स्थित ज्यादातर स्कूलों से आ रही है। कर्बला चौक उर्दू स्कूल, जगन्नाथपुर थाना, लोअर बाजार थाना, सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में स्थित सरकारी स्कूलों के बिल्डिंग में नशाखोरी और अड्डेबाजी की लगातार शिकायतें आ रही हैं।

दीवार फांद कर जाते हैं अंदर

स्कूल के गेट भले बाहर से बंद रहते हैं लेकिन नशेड़ी, गंजेड़ी और आपराधिक छवि वाले लोग दीवार फांद कर अंदर चले जाते हैं। फिर वहां महफिल सजाई जाती है। सिगरेट, गांजा, शराब और बियर की बोतले खुलती हैं। दरअसल, लॉकडाउन में सिटी में शाम चार बजे के बाद हर तरफ सन्नाटा हो जाता है। किसी खुले स्थान पर ड्रिंक करने पर पुलिस के पहुंचने का डर रहता है। इस कारण ये लोग बंद और खाली पडे़ भवन को चुनते हैं। अपराध की वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग भी ऐसी ही बिल्डिंग में होती है। बीते दिनों सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के मधुकम चुन्ना भट्ठा से ऐसी ही खाली बिल्डिंग में बैठ कर ड्रिंक कर रहे युवकों को खदेड़ कर भगाया गया था।

पार्क में भी नशेड़ी

सिर्फ स्कूल ही नहीं, बल्कि पार्क को भी नशेडि़यों ने अपना पसंदीदा जगह बना लिया है। शहर के कई पार्क हैं जहां देर शाम नशेड़ी अड्डेबाजी कर रहे हैं। ड्रिंक करने के बाद खाली बोतल कैंपस में ही तोड़ कर चले जाते हैं। कोरोना काल में अप्रैल 2020 से ही सिटी के पार्क भी बंद हैं। हालांकि पार्क को एक महीने के लिए खोला गया था, जिसकी साफ-सफाई के दौरान अलग-अलग पार्क से शराब की कई बोतलें बरामद हुई थीं। एक बार फिर ऐसा ही नजारा देखा जा रहा है। बीते लगभग डेढ़ साल से बंद पार्को में से अधिकतर की कोई देखभाल नहीं हो रही है। निगम के किसी भी पार्क में साफ-सफाई और देखभाल नहीं हो रही है। न तो यहां सिक्योरिटी गार्ड ही तैनात किए गए हैं। हालांकि, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के तहत संचालित हो रहे पार्को की साफ-सफाई से लेकर सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात रहते हैं, जिससे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पार्क में ऐसी गतिविधियां कम हैं।

चोरी से भी परहेज नहीं

स्कूल और पार्क में बैठकर ड्रिंक करने वाले चोरी को भी अंजाम दे रहे हैं। जेल मोड़ स्थित बिरसा मुंडा म्यूजियम और पार्क में लगाई गई लाइट की चोरी की शिकायतें आ चुकी हैं। वहीं कोकर डिस्टिलरी पुल स्थित स्वामी विवेकानंद पार्क में लगी सभी लाइट भी चुरा ली गई हैं। चोरों ने टाइल्स और टॉयलेट के सामान भी नहीं छोडे़। निगम पार्क में लगे वाटर फाउंटेन के इक्विपमेंट्स की भी चोरी हो चुकी है। इन इलाकों में लोकल लोगों की डिमांड है पुलिस की गश्ती बढ़ाई जाए। शाम छह बजे से रात के बारह बजे तक पुलिस कड़ाई से पेट्रोलिंग करे तो इस प्रकार कीअड्डेबाजी पर लगाम कसे।

अड्डेबाजी की शिकायत आई है, जिसे रोकने के लिए रात के ग्यारह बजे तक गश्ती की जा रही है। पार्क और दूसरे एरिया की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

- एसके झा, एसएसपी, रांची