रांची: जम्मू में एयर फोर्स के एयरबेस पर पहली बार ड्रोन से हमला हुआ। इसके बाद से ड्रोन की सुरक्षा को लेकर सभी लोग चिंतित हो गए हैं। रांची में भी 150 से अधिक लोगों के पास ड्रोन कैमरा है। इनमें से बहुत कम लोगों ने ही प्रशासन से लाइसेंस लिया है। ड्रोन कैमरा उड़ाने के लिए लोगों ने लाइसेंस भले ही नहीं लिया है, लेकिन रांची की जो भी मिडिल क्लास शादियां या पार्टी होती हैं वहां धड़ल्ले से ड्रोन कैमरा उड़ाया जा रहा है। ड्रोन कैमरा उड़ा कर लोग लाखों रुपए कमा रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन से लाइसेंस लेने की जहमत नहीं उठाते हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन भी अवैध रूप से ड्रोन उड़ाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है।

सिटी में ड्रोन कैमरे का क्रेज

रांची में ड्रोन कैमरों का क्रेज बढ़ता जा रहा है। फोटो स्टूडियो, शादी-विवाह सहित अन्य कार्यक्रमों में फोटोग्राफी के लिए ड्रोन कैमरों का खूब इस्तेमाल हो रहा है। रांची में जितने भी बड़े स्टूडियो हैं जो शादी-विवाह और बड़ी पार्टियों के लिए फोटो खींचने और वीडियो बनाने का काम करते हैं, उन सभी लोगों के पास ड्रोन कैमरा है। कुछ व्यक्तिगत लोग भी हैं जो शादी-विवाह और पार्टियों का काम करते हैं उनके पास भी ड्रोन कैमरा है। शहर में बिना लाइसेंस के ड्रोन कैमरा उड़ाने वाले लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रशासन का कोई भी क्लियर गाइडलाइन हम लोगों को पता नहीं चल रहा है, जिसके कारण हम लोग लाइसेंस लेने के लिए अप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।

लाइसेंस के साथ ट्रेनिंग भी जरूरी

लाइसेंस लेने के साथ-सथ ड्रोन कैमरे चलाने के लिए ट्रेनिंग की भी जरूरत पड़ेगी। बिना ट्रेनिंग और परमिशन के ड्रोनबाजी महंगी पड़ सकती है। द डायरेक्टरेट आफ सिविल एविएशन डीजीसीए ने ड्रोन से संबंधित नियमों को सख्त कर दिया है। दो किलोग्राम वजन तक के ड्रोन को उड़ाने के लाइसेंस के लिए जहां 25 हजार रुपए फीस जमा करानी होगी। वहीं, आपरेटर के लिए डीजीसीए से अप्रूव्ड ट्रेनिंग सेंटर से फार्मल प्रशिक्षण लेना जरूरी होगा। रांची के सीनियर एसएसपी सुरेंद्र झा ने बताया कि ड्रोन उड़ाने के सभी मानकों का पालन कराया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने पर विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी।

ग्रीन जोन में मिलेगी अनुमति

एविएशन मिनिस्ट्री ने ड्रोन पालिसी को लागू कर दिया है। इस पालिसी के तहत कई मानक तय किए गए हैं। ड्रोन कैमरों को उड़ाने के नियम, जोन सहित कई प्रावधान किए गए हैं। नियम में कहा गया है कि ड्रोन को चार सौ फिट की ऊंचाई से ज्यादा पर नहीं उड़ाया जा सकता है। इसे सिर्फ दिन की रौशनी में ही इस्तेमाल करना होगा। ड्रोन उड़ाने के लिए तीन जोन बनाए गए हैं। इनमें ग्रीन जोन में ही ड्रोन उड़ाने की अनुमति आसानी से मिल सकेगी। नैनो के अलावा अन्य सभी कैटेगरीज में ड्रोन उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हर ड्रोन के लिए एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाएगा।

हवा में बने तीन जोन

रेड जोन: ड्रोन उड़ाने की बिल्कुल अनुमति नहीं दी जा सकती है।

येलो जोन: कुछ नियमों के पालन, शर्त के साथ ड्रोन उड़ाने की परमिशन मिलेगी।

ग्रीन जोन: इस जोन में ड्रोन कैमरों को उड़ाने की पूरी तरह से परमिशन मिल सकेगी।

वजह के हिसाब से पांच कैटेगरीज

नैनो - ढाई सौ ग्राम या उससे कम

माइक्रो- ढाई सौ ग्राम से लेकर दो किलो तक

स्माल - दो किलो से लेकर 25 किलो तक

मीडियम - 25 किलो से लेकर डेढ़ सौ किलो तक

लार्ज- डेढ़ सौ किलो से अधिक

यहां उड़ाने की सख्त मनाही

हवाई अड्डे के पांच किलोमीटर का क्षेत्र

इंटरनेशनल बार्डर से 25 किलोमीटर का दायरा

राज्य सचिवालयों के आसपास तीन किलोमीटर

गृह मंत्रालय के चिह्नित, रणनीतिक और अन्य प्रतिष्ठान

युद्ध के लिहाज से संवेदनशील जगहों पर तीन किलोमीटर

क्या है ड्रोन

डीजीसीए ने रिमोटली पायलट एयरक्राफ्ट को एक मानव रहित विमान के रूप में दूरस्थ पायलट स्टेशन से संचालित होने वाले के तौर पर परिभाषित किया है। इसके अलावा इसे एयरक्राफ्ट नियम 1937 के तहत नागरिक विमानन आवश्यकताओं के अनुसार, नियम 15 ए और नियम 133 ए को पूरा करना होगा। ड्रोन को उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसका एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर भी होगा।

ड्रोन उड़ाने के लिए डीजीसीए ने जो नियम तय किए हैं, उसी के तहत लोगों को लाइसेंस लेना अनिवार्य है। अभी ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि शादी-विवाह और पार्टियों में लोग बिना लाइसेंस के ड्रोन कैमरा उड़ा रहे हैं। उन लोगों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार ड्रोन उड़ाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है।

-सुरेंद्र झा, सीनियर एसपी, रांची