रांची: टाटीसिलवे नामकुम आरा गेट के पास तैयार रेलवे ओवरब्रिज के शुरू हो जाने से करीब दो लाख की आबादी का सफर आसान हो गया है। इस सड़क से हर दिन 50 हजार से अधिक लोगों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन रेलवे ओवरब्रिज नहीं बने होने के कारण यहां हर दिन घंटो जाम लगा रहता था। और हर दिन लोगों को परेशानी होती थी। इस आरा गेट के पास रेलवे ओवरब्रिज शुरू हो जाने से स्कूल के बच्चों समेत एंबुलेंस के लिए भी ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल गई है। करीब 33 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस ओवरब्रिज का लाभ लाखों लोगों को मिला है।

ढाई साल में बनकर हुआ तैयार

रेलवे का यह ओवर ब्रिज ढाई साल में बनकर तैयार हुआ है। करीब 33 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस ओवरब्रिज में राज्य सरकार ने भी अपनी तरफ से पैसा खर्च किया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से यह ओवरब्रिज बनकर तैयार हुआ है। ब्रिज के नहीं बनने से पहले टाटीसिल्वे, सिल्ली, मुरी, पुरुलिया सहित उस सड़क से गुजरने वाले लोगों को यहां हर दिन घंटो जाम में फंसना पड़ता था। जब भी कोई ट्रेन आती थी इस रेलवे फाटक को बंद कर दिया जाता था। गाडि़यों की लंबी लाइन लगी होती थी।

स्कूल वैन व एंबुलेंस भी फंसते थे

इस रेलवे फाटक पर आम लोग तो जाम में घंटों फंसे रहते थे। लेकिन एंबुलेंस और स्कूल वैन भी घंटों जाम में फंसे रहते थे। इस इलाके में कई बड़े स्कूल और प्राइवेट कॉलेज भी हैं, जहां रांची के बहुत सारे बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं। सुबह स्कूल जाते समय और स्कूल से छुट्टी होने के बाद वापस आते समय भी बच्चों को जाम में फंस कर इंतजार करना पड़ता था। इसी तरह सिल्ली, मुरी, पुरुलिया सहित रांची के उस इलाके में रहने वाले लोग बीमार होने पर एंबुलेंस से जब शहर आते थे या शहर से बाहर जाते थे तो उनको भी यहां घंटों जाम में फंसकर इंतजार करना पड़ता था।