रांची(ब्यूरो)। आर्थिक आतंक का मॉड्यूल अब लगभग हर बड़े और मिड लेवल के शहर में मौजूद है। आर्थिक आंतकी अपने शिकार को ज्यादातर उन शहरों में ढूंढ़ते हैैं, जहां अभी विकास की गति रफ्तार में है। ज्यादातर मिड लेवल के शहरों में ही शिकार फंस रहे हैैं। अवेयरनेस की कमी और कम समय में ज्यादा पैसे कमा लेने की चाहत लोगों को कंगाल कर रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब इस आर्थिक आतंक की पड़ताल की, तो पता चला कि कुछ फेक नाम से नंबर्स आज भी जारी हो रहे हैैं, जिनमें 9166017949 और 7307991201 जैसे नंबर प्रमुख हैैं। इन नंबर्स से लगातार मैसेज भेजे जा रहे हैैं, जिसमें लोग रिप्लाई करते ही फंसते हैैं। पहले इन नंबर्स से वर्क फ्रॉम होम का ऑफर दिया जाता है। फिर, धीरे-धीरे लोगों को ट्रेडिंग ऑफर दिया जाता है, जिसे ये ठग टास्क कहते हैैं।

ऐसे बनाते हैं शिकार

साइबर अपराधी अपना शिकार वाट्सअप से ढूंढ़ते हैैं और फाइनली उन्हें टेलीग्राम पर लाकर लूटते हैैं। ये टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को ङ्क्षलक (एचटीटीपीएस://डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट अलामो-प्लेटफार्म डाट काम/इंडेक्स) भेजते हैं। ये उक्त ङ्क्षलक पर लॉग इन कर मूवीज रेङ्क्षटग करने का पार्ट टाइम जाब आफर करते हैं। इसके बाद उन्हें विभिन्न टेलीग्राम प्रोफाइल में जोड़कर मूवीज रेङ्क्षटग, होटल रेङ्क्षटग, फोटो रेङ्क्षटग का दबाव बनाते हैं। उक्त टेलीग्राम प्रोफाइल से दिए गए टास्क को पूरा करने पर शुरू में उनके पेटीएम खाते में कुछ रुपये क्रेडिट कर देते हैं।

बोनस का झांसा

इसके बाद उन्हें भुगतान से प्राप्त रुपयों को अलग-अलग बैंकों में निवेश करने का झांसा देते हैं और बताते हैं कि इसपर अ'छा बोनस मिलेगा। लोग इसी लालच में फंसते हैं और साइबर अपराधियों के दिए गए बैंक खातों में रुपये जमा करने लगते हैं। साइबर अपराधी यह भी आश्वासन देते हैं कि रेङ्क्षटग पूरी होने पर सभी रुपये कमीशन के साथ वापस कर दिए जाएंगे। रेङ्क्षटग पूरे होने पर उनके पेटीएम खाते में कुछ रुपये क्रेडिट कर उनका विश्वास जीतते हैं।

पूरा नेटवर्क खड़ा किया

टेलीग्राम के जरिए टास्क पूरा कराने, फिर लोगों के अकाउंट में छोटी-छोटी रकम डालकर विश्वास जीतने और अंत में उन्हें ट्रेडिंग के लिए तैयार करने में जुटे लोगों की केवल एक टीम नहीं है। यह नेटवर्क सोच से भी विशाल है और कम से कम 30 टीमों के साथ इस आर्थिक आतंक का नेटवर्क चल रहा है। डीजे-आईनेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया है कि एक टीम, जो हरियाणा से ऑपरेट कर रही है, उसने दीक्षा वशिष्ठ, रोहित गर्ग, अर्जुन धनोआ, नंदकिशोर सुनील, दीपाली गुलेरिया, विष्णु शेप आदि नाम से टीम खड़ी की है। यह सभी फेक नेम तो हैैं, इनके टेलीग्राम लिंक पर जाने पर साफ पता चलता है कि फोटो भी फेक ही हैैं। इन सभी के पीछे एक सेंगर नाम का मास्टरमाइंड काम कर रहा है, जो दीक्षा वशिष्ठ की आईडी से ऑपरेट करता है।

सीबीओई ने दी चेतावनी

आर्थिक आतंकी इस पूरे नेटवर्क के एक फेक ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म से चला रहे हैैं। इसके लिए उन्होंने सीबीओई का नाम इस्तेमाल करना शुरू किया है। सीबीओई वास्तव में एक यूरोपियन लाइसेंस्ड मार्केट मल्टीलेटरल ट्रेडिंग फैसिलिटी है। इसके नाम पर अलग-अलग फेक पेज बनाकर लोगों को लूटा जा रहा है। सीबीओई ने खुद एक लेटर जारी किया है, जिसमें साफ लिखा है कि सीबीओईएक्स डॉट वीआईपी नाम से कोई पेज फ्लोट कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। उसने साफ कहा है कि सीबीओई का इस फर्जी पेज या प्लैटफॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है।