>RANCHI:अलग झारखंड राज्य आंदोलन का बिगुल भले ही कोयलांचल से बजा था, लेकिन इस आंदोलन को आगे बढ़ाने में संताल परगना सबसे आगे रहा। झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन कर अलग राज्य का आंदोलन छेड़ने वाले अबुआ दिशोम गुरु शिबू सोरेन की कर्मभूमि संताल परगना ही रही है। झारखंड के आदिवासियों की सबसे ज्यादा संख्या भी संताल में ही है और आदिवासियों में सबसे ज्यादा विधायक और सांसद भी संताल आदिवासी ही बने हैं। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री से लेकर दो पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और बाबूलाल मरांडी संताल आदिवासी समाज से ही आते हैं। झारखंड की उपराजधानी और संताल परगना के मुख्यालय दुमका से शिबू सोरेन जहां सांसद हैं, वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका से ही विधायक हैं। साल ख्009 के चुनाव में संताल परगना की क्8 में से क्0 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही विधायक जीते थे। दो सीटों पर जेवीएम ने कब्जा किया था, जबकि दो सीटें बीजेपी ने जीती थी। दो सीट पर आरजेडी और एक पर कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।
संताल परगना की सीटें
क्0 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा जीता था चुनाव
क्-बोरियो- लोबिन हेम्ब्रम
ख्-बरहेट-हेमलाल मर्मू-लोकसभा चुनाव में बीजेपी में शामिल हुए, अब बीजेपी उम्मीदवार
फ्-लिट्टीपाड़ा- साइमन मरांडी-जेएमएम से बीजेपी में शामिल हुए, अब बीजेपी उम्मीदवार
ब्-पाकुड़- अकिल अख्तर
भ्-शिकारीपाड़ा-नलीन सोरेन, पूर्व मंत्री
म्-जामताड़ा-विष्णु भैया
7-दुमका- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
8-मधुपुर- हाजी हुसैना अंसारी, मंत्री, इस सीट पर चुनाव हो चुका है।
9-जामा- सीता सोरेन, शिबू सोरेन की बहू
क्0-सारठ- शशांक शेखर भोक्ता, झारखंड विधानसभा के स्पीकर
कांग्रेस-क्
महागामा-राजेश रंजन
आरजेडी-ख्
गोड्डा- संजय प्रसाद यादव- आरजेडी से फिर उम्मीदवार
देवघर- सुरेश पासवान, इस बार भी उम्मीदवार थे। इस सीट पर चुनाव हो चुका है।
बीजेपी-ख्
राजमहल- अरुण मंडल, इस बार टिकट नहीं मिला, इनकी जगह अनंत ओझा चुनाव मैदान में हैं।
नाला- सत्यानंद झा बाटुल, पूर्व कृषि मंत्री, इस बार भी बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं।
जेवीएम-ख्
पोड़ैयाहाट-प्रदीप यादव- इस बार भी जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मेहशपुर-मिस्त्री सोरेन, जेवीएम उम्मीदवार हैं।
निर्दलीय
जरमुंडी-क्
हरिनारायण राय- इस बार जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।