रांची: अगले महीने अक्टूबर से बिजली का बढ़ा हुआ बिल देने को तैयार हो जाइए। जी हां, झारखंड राज्य नियामक आयोग द्वारा वर्चुअल तरीके से बिजली के दामों में बढ़ोतरी से संबंधित सुझाव का काम पूरा कर लिया गया है। अब वितरण निगम बिजली का नया टैरिफ लागू करने की तैयारी में है। नियामक आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में इसे लागू कर दिया जाएगा। बता दें कि झारखंड बिजली वितरण निगम नें इस साल के पहले महीने में ही राज्य में बिजली की टैरिफ में बढ़ोतरी का आवेदन नियामक आयोग के पास दिया था। 8 महीने तक नियामक आयोग ने अलग-अलग स्टेज पर लोगों से सुझाव मांगे। साथ ही आपत्ति भी मांगी। अब नियामक आयोग नई दर लागू करने की तैयारी में जुट गया है।

इसी माह तय हो जाएगी दर

झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने विभिन्न श्रेणी की बिजली दर में 20 से 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) को दिया है। आयोग ने सभी प्रमंडलों में वर्चुअल जनसुनवाई करने के बाद राज्य सलाहकार समिति की बैठक पूरी कर ली है। नई दर निर्धारित करने के लिए आयोग के अधिकारियों ने प्रस्तावों का अध्ययन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पहले निजी कंपनियों की दरों का निर्धारण किया जाएगा और इस माह के अंत तक या अगले माह के प्रारंभ में जेबीवीएनएल के उपभोक्ताओं के लिए नई दरें तय कर दी जाएंगी। इसके बाद कंपनियों को बिलिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट करना होगा।

8 से 10 परसेंट वृद्धि की तैयारी

अगले महीने तक तय हो जाएगा कि बिजली के दामों में कितनी बढ़ोतरी की मंजूरी नियामक आयोग दे रहा है। वितरण निगम ने नियामक आयोग को 20 से 30 परसेंट तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। लेकिन नियामक आयोग उपभोक्ताओं के हितों और बिजली वितरण निगम के खर्चो और घाटों को देखते हुए निर्णय लेगा। एक्सपर्ट अधिकारियों के अनुसार, नियामक आयोग इस साल आठ से दस परसेंट तक बिजली के दामों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है।

उपभोक्ताओं ने लॉकडाउन में रेट नहीं बढ़ाने की अपील की है

आयोग और जेबीवीएनएल सूत्रों के अनुसार, नई दरें अक्तूबर से लागू हो सकती हैं। वैसे भी लॉकडाउन को देखते हुए उपभोक्ताओं ने इस वित्त वर्ष के दौरान बिजली की दर में बढ़ोतरी नहीं करने की पुरजोर मांग की है। 37 लाख उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने वाले जेबीवीएनएल ने बिजली की औसत दर 6.54 रुपये प्रतियूनिट से बढ़ा कर 8.02 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया है। जेबीवीएनएल ने इससे 8384 करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान लगाया है। पिछली बार करीब 7000 करोड़ रुपये प्राप्ति का अनुमान था। कोरोना काल के संकट को देखते हुए उपभोक्ताओं ने आयोग से बिजली की दर नहीं बढ़ाने की मांग की है। उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि आयोग उनकी बात को संज्ञान में रखते हुए ही बिजली कंपनियों की नई दरों का निर्धारण करेगा।

राहत देने की तैयारी में सरकार

दूसरी ओर राज्य सरकार उपभोक्ताओं को बिजली की नई दर से राहत देने की तैयारी कर रही है। उपभोक्ताओं के लिए नई दर के अनुपात में ही सब्सिडी दी जानी है। तैयारी के अनुसार पहले 100 यूनिट नि:शुल्क रखा जाएगा। इसके बाद की खपत पर प्रति यूनिट सब्सिडी का निर्धारण किया जाना बाकी है। इसे नई दर तय करने के बाद ही अंतिम रूप दिया जाता है।