रांची: एक बार फिर से व्यवसायियों को बिजली का झटका लगा है। ऊर्जा विभाग द्वारा 33 केवीए बिजली का कॉमर्शियल कनेक्शन लेने वाले उद्योगों पर ग्रीन सेस लगाया गया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जो प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है उसके अनुसार प्रति यूनिट 15 पैसे ग्रीन सेस के लिए अलग से वसूला जाएगा। झारखंड में जितनी भी बड़ी इंडस्ट्रीज हैं, जिन्होंने 33 केवीए का कॉमर्शियल कनेक्शन लिया है उनको प्रति यूनिट 15 पैसे अलग से ग्रीन सेस के रूप में देना होगा। इससे अभी जो वह बिजली का बिल जमा करते हैं, वो बढ़ जाएगा। यानी उनके बिजली का बिल अब और अधिक आने लगेगा।

करोड़ों रुपए आएगा ग्रीन सेस से

बिजली विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा जो ग्रीन सेस लगाने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो चुका है। इसे लागू होते ही करोड़ों रुपए का राजस्व मिलेगा। झारखंड में जितने भी उद्योग हैं उन पर यह लागू हो जाएगा और उनको बढ़ा हुआ बिजली का बिल हर महीने देना होगा। यह पैसा जो आएगा वह ग्रीन सेस के डेडिकेटेड फंड में आएगा, उसके बाद सरकार तय करेगी कि उस पैसे का खर्च कहां करना है।

पर्यावरण सुरक्षा पर खर्च होगा पैसा

ग्रीन सेस जो लिया जाएगा उससे एक फंड तैयार किया जाएगा। सरकार द्वारा जो राशि तय की जाएगी उसे उद्योगों से वसूल आ जाएगा। वह पैसा जो आएगा उसे उस फंड में भेजा जाएगा। वहां से पर्यावरण के संरक्षण के लिए इस पैसे का उपयोग किया जाएगा। यह डेडीकेटेड फंड होगा जो पर्यावरण संरक्षण पर खर्च किया जाएगा।

सोलर एनर्जी पर भी हो सकता है खर्च

उद्योगों से जो ग्रीन सेस वसूला जाएगा और उससे जो पैसा आएगा वह सोलर एनर्जी पर भी खर्च किया जा सकता है। क्योंकि सोलर एनर्जी से बिजली उत्पादन करने पर पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। इससे दो लाभ होंगे। एक तो बिजली का उत्पादन हो जाएगा और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण करने के लिए और जो भी प्लानिंग सरकार द्वारा की जाएगी उस पर यह राशि खर्च की जाएगी।

डीवीसी व जुस्को कंज्यूमर्स से भी होगी वसूली

ऊर्जा विभाग जो प्रस्ताव तैयार कर रहा है उसके अनुसार झारखंड बिजली वितरण निगम के जितने भी कंज्यूमर हैं, जिन्होंने 33 केवीए का कॉमर्शियल कनेक्शन लिया है उनसे यह ग्रीन सेस वसूला जाएगा। इसके अलावा जुस्को और डीवीसी कमांड एरिया में रहने वाले कंज्यूमर जो इन कंपनियों से कनेक्शन लिए हैं, उनसे भी ग्रीन सेस वसूला जाएगा।