रांची(ब्यूरो)। राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स के कैंपस में स्थित गल्र्स हॉस्टल के बाहर गंदी हरकतें करने वाले एक युवक को अनोखी सजा दी गई। रिम्स के स्टूडेंट्स ने बुधवार को इस मनचले युवक को गंदी हरकत करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद उससे ब्लड डोनेशन कराया गया। छात्रों ने कहा कि पिटाई से खून निकलेगा, उससे बेहतर है कि इससे एक यूनिट ब्लड ही डोनेट करा दिया जाए। इसके बाद उसे लेकर रिम्स गए, जहां उससे रक्तदान कराया गया।

पकड़े जाने पर गिड़गिड़ाने लगा

रिम्स गल्र्स होस्टल के बाहर सैनिक कॉलोनी निवासी यह युवक पिछले एक हफ्ते से गंदी हरकतें करता था। शुरुआत में तो इसे वहां की लड़कियों ने इग्नोर कर दिया, लेकिन बुधवार को इसकी हरकत और गंदी हो गई। इसकी जानकारी गल्र्स ने अपने साथ पढऩे वाले ब्वायज को दी। ऐन मौके पर वहां काफी संख्या में स्टूडेंट्स पहुंच गए और इस युवक को दबोच लिया। पकड़े जाने के बाद उसे थाने ले जाने की बात हुई। इस पर वह गिड़गिड़ाने लगा। कहने लगा कि वह बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद स्टूडेंट्स ने उसके सामने शर्त रखी कि वह रक्तदान करे, ताकि उसे जीवन भर अपनी गलती का एहसास हो। इस पर युवक मान गया। इसके बाद उसे रिम्स ले जाया गया, जहां एक यूनिट ब्लड लेने के बाद उसके पेरेंट्स को कॉल किया गया।

पेरेंट्स को दी गई जानकारी

रिम्स स्टूडेंट्स ने युवक के पेरेंट्स को इसकी हरकतों के बारे में जानकारी दी और उन्हें इसे संभालने को कहा। युवक को चेतावनी दी गई कि दोबारा आसपास देखे जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उसने अपनी गलती स्वीकार की और माफी मांगी। तब जाकर उसे पेरेंट्स को सौंपा गया।

पहले भी चेताया गया था

रिम्स के एक स्टूडेंट डॉ चंद्रभूषण के अनुसार इस लड़के को पहले भी कई बार चेताया गया था। उसे गल्र्स हॉस्टल के आसपास नहीं फटकने की हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद वह नहीं मान रहा था। बुधवार को स्टूडेंट्स ने डायरेक्ट एक्शन ले लिया। डॉ चंद्रभूषण ने बताया कि इस युवक को सामाजिक रूप से जवाबदेह बनाने के लिए ही स्टूडेंट्स ने ऐसा कदम उठाया। हालांकि, रक्तदान उसने स्वेच्छा से किया, इसलिए इसमें स्टूडेंट्स की कोई गलती नहीं है।

यह मामला सामने आया है। चूंकि युवक ने खुद ही रक्तदान किया, इसलिए इसमें किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि, पुलिस को चाहिए कि वह गल्र्स हॉस्टल के आसपास की सुरक्षा और पुख्ता करे। आए दिन मनचले वहां नजर आते हैैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

डॉ विकास कुमार, अध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, रिम्स