रांची: एक्स डीजीपी डीके पांडे की बहू रेखा पांडे मिश्रा ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि वह डिवोर्स के केस को कोर्ट में चैलेंज करेंगी। उनके अनुसार उन्हें डिवोर्स के केस से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दी गई। ना ही उन्हें अदालत द्वारा जारी कोई नोटिस ही प्राप्त हुआ। और जब नोटिस ही नहीं मिला तो वह अदालत में उपस्थित कैसे होती। इधर, फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज की अदालत में जहां केस चल रहा था, वहां से रेखा को नोटिस भी इश्यू किया गया है और नोटिस रिसीव भी किया गया। जब रेखा ने नोटिस रिसीव ही नहीं किया तो आखिर नोटिस पर हस्ताक्षर किसके हैं। पुलिस के लिए अब यह एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या पद पर रहते हुए पूर्व डीजीपी ने कोर्ट के नोटिस के साथ भी खिलवाड़ किया है?

कुरियर, प्यादा, रजिस्टर्ड तीन बार जाता है नोटिस

उल्लेखनीय है कि तलाक के केस में अदालत द्वारा तीन बार नोटिस इश्यू किया जाता है। लेकिन यह नोटिस पीडि़त तक पहुंचाने का काम कुरियर कम्पनी, कोर्ट का प्यादा या रजिस्टर्ड डाक द्वारा किया जाता है। कोर्ट में शुभंकर ने रेखा मिश्र का पता हरमू के सहजानन्द चौक का दिखाया है। इसी पते पर तीन बार नोटिस गया है। रिसीव भी किया गया है। लेकिन रेखा की कोर्ट में उपस्थिति नहीं हो पायी। यही कारण है कि कोर्ट से वन साइडेड जजमेंट की डिग्री हो गई। अब पुलिस को यह जांचना होगा कि नोटिस आखिर भेजा कैसे गया था।

विवादों से घिरे रहे एक्स डीजीपी

गले में नाग लेकर फोटो खिंचाने वाले पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने खुलेआम सरकारी जमीन पर कब्जा कर आलीशान मकान बनाने से लेकर बकोरिया कांड में मुठभेड़ दिखाकर निर्दोषो को नक्सली बता उनकी हत्या कराने के भी आरोप हैं।

बकोरिया कांड की जांच में है सीबीआई

झारखंड के पलामू जिले के बकोरिया इलाके में 8 जून 2015 को सतबरवा के पास हुए कथित नक्सली मुठभेड़ की जांच सीबीआई कर रही है। पुलिस ने मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था, जिसमें लातेहार में चर्चित मृत जवान के पेट में बम प्लांट करनेवाले नक्सली को भी मार गिराने की बात कही गयी थी। विपक्ष ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। मुठभेड़ की जांच के लिए पहुंची एनएचआरसी की टीम ने भी मुठभेड़ की सत्यता पर सवाल खड़े किये।

ह्यूमन राइट कमीशन ने फरवरी में किया है दौरा

एनएचआरसी की टीम इसी साल फरवरी महीने में घटनास्थल का दौरा की और टीम ने एडीजे ए नटराजन, पलामू के तत्कालीन एसपी मयूर पटेल, सीआरपीएफ 134 बटालियन और 11वीं बटालियन के कमांडेंट, बकोरिया के स्थानीय चौकीदार से घटना की जानकारी ली। मानवाधिकार आयोग की एक टीम मुठभेड़ में मारे गए परिजनों से भी पूछताछ के लिए चतरा गयी थी, जिसके बाद एनएचआरसी ने घटना को संदेहास्पद बताया था। इस मामले में डीजीपी का सीधा सम्बन्ध है। उनकी सूचना पर ही पुलिस ने कार्रवाई की थी।

महिला को बचाने वाले ही बने आरोपी

महिलाओं को प्रताड़ना से बचाने के लिए महिला शक्ति एप लॉन्च करने वाले डीके पांडेय की बहू ने अपने पति के समलैंगिक होने का खुलासा किया है। यहां तक कि उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके ससुर एक्स डीजीपी ने उनके साथ संबंध बनाने का दबाव बनाया। साथ ही दूसरों से भी संबंध बनाने को कहा। पुलिस ने ससुर डीके पांडेय, सास पूनम पांडेय और पति शुभंकर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

गले मे सांप लपेट घूमने के शौकीन

फरवरी 2016 में महाशिवरात्रि के दिन डीके पांडेय परिवार के साथ शक्तिपीठ रजरप्पा पहुंचे थे। उन्होंने सांप को गले में लपेट लिया था। प्रधान वन संरक्षक वन्य जीव रत्नाकर सिंह ने डीजीपी पांडेय से जवाब तलब करने का निर्देश दिया था। इसके बाद उन्हें नोटिस दिया गया था।