रांची : रांची के अशोक नगर इलाके से एक फर्जी महिला आइएएस अधिकारी पकड़ी गई है। वह शहर के वीवीआइपी इलाकों में शामिल अशोक नगर कालोनी में रहती थी। पकड़ी गई फर्जी आइएएस का नाम मोनिका (24) पिता शेषमणि है। वह 213 बड़वाराकला, ग्राम कला, तहसील बड़वारा जिला-कटनी मध्यप्रदेश की रहने वाली है। यहां अशोकनगर रोड नंबर एक के मकान संख्या सी/06 में रहती है। मोनिका के पिता शेषमणि मध्यप्रदेश में ही हेडमास्टर हैं जबकि मां सरकारी विभाग में क्लर्क है। उसके परिवार में एक भाई व बहन है।

इसी महीने आई रांची

मोनिका 20 से 25 दिन पहले रांची शिफ्ट हुई थी। कुछ महीने पहले वह रांची आई थी और यहां ड्राइवर से उसकी जान-पहचान हुई थी। इसके बाद उसने अशोकनगर में किराये का घर लिया था। अशोक नगर में वह जिस घर में रह रही थी, वहां मोनिका, आइएएस लिखा बोर्ड भी लगा था। वह खुद को 2020 बैच की आईएएस अधिकारी बता किराये का मकान लेकर रह रही थी। फर्जी न लगे इसलिए वह अपने साथ बॉडीगार्ड, सरकार के लोगो के साथ असिस्टेंट कमिश्नर लिखी व सरकार के लोगो लगी कार और रसोइया भी रखती थी। वह अपने मकान मालिक व पड़ोसियों को बताती थी कि असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में वह जमशेदपुर में पोस्टेड हैं। इधर, हाल में वह घर में ही रही थी। इससे मकान मालिक को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगी। पूछने पर बताया था कि उसकी छुट्टी चल रही, इसलिए वह जमशेदपुर नहीं जा रही थी। शक होने पर इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद अरगोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मोनिका को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ करने पर भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने मोनिका के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है। उसे शनिवार को जेल भेजा जाएगा।

कर रही थी तैयारी

मोनिका ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली स्थित विजन आइएएस को¨चग सेंटर से आइएएस की तैयारी कर रही थी। इधर, ठसक दिखाने के लिए और अपने रिश्तेदारों को दिखाने के लिए फर्जी आइएएस बनकर घूम रही थी। हालांकि पुलिस उसकी मंशा का पता लगा रही है। अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि फर्जी आइएएस बनकर रांची आने की वजह को लेकर मोनिका से पूछताछ चल रही है। पूछताछ के बाद यह खुलासा होगा कि आखिर वह किसी सुनियोजित साजिश के तहत अशोक नगर इलाके में फर्जी आइएएस अधिकारी बनकर रह रही थी या मामला कुछ और है। साथ ही उसके साथ और कौन-कौन लोग हैं इसके बारे में पता लगाया जा रहा है। फिलहाल ठगी का कोई मामला सामने नहीं आया है।

ठाठ के साथ ही करती थी आना-जाना

मोनिका जिस अशोकनगर इलाके में डा। डीके राय के घर पर किराये पर रह रही थी, उस इलाके में अधिकांश घर आइएएस और आइपीएस अधिकारियों का है। झारखंड पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी अशोक नगर में रहते हैं। इसी अशोकनगर रोड नंबर एक के मकान संख्या <द्ग>ष्ट/06 के बाहर अचानक आइएएस मोनिका का बोर्ड लग गया था। घर के बाहर बॉडीगार्ड, सरकारी वर्दी में ड्राइवर, सरकारी गाड़ी जिसमे असिस्टेंट कमिश्नर का बोर्ड लगा हुआ था। पूरी ठाठ-बाट आइएएस वाली थी। कुछ दिनों तक लोगों ने देखा, इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने दो दिनों तक पहले रेकी की। इसके बाद पुलिस को पता चला कि वह आइएएस नहीं, बल्कि फर्जी अधिकारी बनकर वहां रह रही थी। इसके बाद पुलिस पहुंची और मोनिका को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

कोई पहचान पत्र नहीं दिखा पाई

छापेमारी के लिए पहुंची महिला पुलिसकर्मियों ने मोनिका से पहचान पत्र मांगा लेकिन वह सिवाय आधार कार्ड के कोई भी पहचान पत्र नहीं दे पाई। इसके बाद पुलिस वालों ने उससे सब कुछ साफ-साफ बताने को कहा तो पुलिस की दबिश की वजह से मोनिका टूट गई और उसने पूरी कहानी सामने रख दी।

आइएएस लिखा बोर्ड, लेटरपैड बरामद

मोनिका के पास से नाम के साथ आइइएस लिखा बोर्ड, झारखंड सरकार का फर्जी लोगो, डिप्टी कलेक्टर का फर्जी लेटर पैड बरामद किया है। दिल्ली स्थित झारखंड भवन में कमरा बुक कराने के लिए चीफ सेक्रेटरी के नाम से लिखा हुआ लेटर बरामद किया गया है।

पुलिस के पहुंचते ही नष्ट कर दिया आइकार्ड

मोनिका ने आइएएस अधिकारी का फर्जी आईकार्ड भी बनवा रखा था। जिसे पुलिस के पहुंचते ही नष्ट कर दिया। इससे पहले कार भी मालिक को लौटा चुकी थी जिसे वह भाड़े पर ले रखी थी। मोनिका ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथ रिटायर्ड आर्मी जवान शशि उरांव को बॉर्डीगार्ड के रूप में रखा था। जबकि कोकर आदर्श नगर निवासी राकेश कुमार को चालक के रूप में। जबकि नगड़ी निवासी राधा देवी को रसोइया के रूप में अपने घर में रख रही थी।

इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस

मोनिका के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 170, 171, 419, 468, 471 के तहत एफआइआर दर्ज की है।

बॉडीगार्ड-ड्राइवर को नहीं पता

मोनिका ने जिस बॉडीगार्ड और ड्राइवर को अपने साथ रखा था उन्हें भी यह पता नहीं था कि वह फर्जी आईएएस अधिकारी है। दोनों ने पुलिस के सामने यह बयान दिया है कि उन्हें एक आइएएस अधिकारी के तौर पर फोन किया गया था। जिसके बाद दोनों ने नौकरी ज्वाइन किया था। फिलहाल बॉडीगार्ड-ड्राइवर दोनों पुलिस के गवाह बने हैं। पुलिस ने मोनिका की गिरफ्तारी के साथ ही उसे 41 ए के तहत एक नोटिस भी दिया। उससे पक्ष पूछा गया। लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे पाई।