- डोरंडा के जैप वन ग्राउंड में दी गई परेड की सलामी, डीजीपी सहित सभी सीनियर आइपीएस अधिकारियों ने दिया सम्मान

- पुलिस मेंस एसोसिएशन के कार्यालय में जवानों-पदाधिकारियों ने विदाई पर ताजा की यादें, लिया आशीष, दिनभर चला विशेष कार्यक्रम

रांची : झारखंड कैडर के 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी कमल नयन चौबे मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए। भारतीय पुलिस सेवा में 35 साल की सेवा देने के बाद विदाई के वक्त बेहद भावुक नजर आए। मंगलवार को उनके सम्मान में दिनभर चले आयोजनों में उनका संबोधन भावपूर्ण था। उन्होंने कहा कि पुलिस परिवार ने उन्हें जिस तरह की विदाई दी है, जितना स्नेह दिया है, यह हमेशा उनके दिल में रहेगा और इसी के सहारे अपनी शेष ¨जदगी भी काट लेंगे। सुबह में जहां डोरंडा स्थित जैप वन ग्राउंड में उनके विदाई समारोह में परेड की सलामी दी गई, वहीं दोपहर में रांची के लाइन टैंक रोड स्थित झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के कार्यालय में जवानों व कनीय पुलिस पदाधिकारियों ने उनके सम्मान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। रात में उनके लिए विशेष तौर पर जैप वन के खुकरी गेस्ट हाउस में डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्य में यह पहली बार है जब एक डीजीपी को जवानों व कनीय पदाधिकारियों ने बेहतर सम्मान देकर एक नई परंपरा की शुरुआत की है।

शहीद बेदी पर पुष्पांजलि

डोरंडा स्थित जैप वन ग्राउंड में डीजी सह विशेष कार्य पदाधिकारी पुलिस आधुनिकीकरण कैंप नई दिल्ली कमल नयन चौबे ने सबसे पहले शहीद बेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की और इसके बाद समारोह स्थल पहुंचे जहां परेड का निरीक्षण करने के बाद परेड की सलामी ली। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वे क्या करेंगे, यह तो अब तक उन्होंने तय नहीं किया है, लेकिन जो भी करेंगे, उससे सबके करीब ही रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस में अब तक के कार्यकाल में सिपाही से लेकर आइपीएस अधिकारी तक ने उन्हें अच्छी यादें दी हैं। इससे वे अपने दिल में हमेशा के लिए संजोकर रखेंगे। झारखंड पुलिस के जवानों के लिए उन्होंने संदेश दिया कि वह अपने परिवार वह बच्चों का भी ख्याल रखें। अभियान में वह महीनों घर से बाहर रहते हैं, इसके बावजूद जब भी घर लौटे बच्चों को पूरा समय दें। बच्चों में अच्छी शिक्षा वह अच्छा संस्कार दें। डीजी कमल नयन चौबे ने वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार, सभी ब्यूरोक्रेट्स विधायिका न्यायपालिका का भी आभार जताया। वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा को विशेष रूप से धन्यवाद दिया और कहा कि वे जितने गंभीर पदाधिकारी हैं, उसी गंभीरता के साथ वे महकमे को शिखर तक पहुंचाएंगे, ऐसा उन्हें विश्वास है। ये पद की गरिमा और मर्यादा को आगे भी बनाए रखेंगे।

परीक्षा लेते रहे नक्सली

अपने कार्यकाल पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों से नक्सली पैर फैलाने की कोशिश करते रहे हैं और हमारी परीक्षा लेते रहे हैं। हमें गर्व है कि शुरुआत के दिनों में जब संसाधनों का अभाव था तब भी हमने, हमारे पदाधिकारियों ने अपने त्याग व बलिदान से नक्सलियों के खिलाफ लोहा लिया। डीजीपी रहते हुए उन्होंने शांतिपूर्ण मतदान कराया। झारखंड एक उद्योग प्रधान राज्य है। यहां अर्बन व इंडस्ट्रियल सेंटर की अपनी परेशानी है। इसे भी पुलिस ने बखूबी संभाला है। साइबर क्राइम की चुनौतियां सामने है और इससे भी निपटने में पुलिस ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके बावजूद चाहे हम कितना भी बेहतर करें कितने भी अच्छे हो जाएं उसमें सुधार की गुंजाइश बनी रहती है। जिनके टैक्स की बदौलत विकास होता है, वेतन मिलता है, वैसे कर दाताओं के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने झारखंड पुलिस को नसीहत दी कि अगर कोई परेशान व्यक्ति अपनी परेशानी लेकर पुलिस के पास जाता है तो उसकी परेशानी को धैर्य से सुनने की जरूरत है। पुलिस को संवेदनशील होने की जरूरत है।

वर्तमान डीजीपी भी रहे मौजूद

विदाई समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि डीजी कमल नयन चौबे जहां और जिस पद पर रहे वहां उन्होंने कुशलता के साथ काम किया। इन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। जहां भी रहे बेहतर नेतृत्व दिया। विदाई समारोह में एडीजी मुख्यालय मुरारी लाल मीणा ने अतिथियों का स्वागत किया। मौके पर डीजी अग्निशमन सह गृह रक्षा वाहिनी एमवी राव, डीजी अजय कुमार सिंह, एडीजी सीआइडी प्रशांत सिंह सहित पुलिस महकमा के सभी सीनियर अधिकारी, जवान मौजूद थे।