RANCHI: रांची की मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त प्रशांत कुमार को पत्र लिखकर डिस्टिलरी तालाब के ब्यूटीफिकेशन में गड़बडि़यों की कंप्लेन की है। उन्होंने नगर आयुक्त को बताया कि जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है। ब्यूटीफिकेशन में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। अब तक तालाब का फ्भ् परसेंट ही काम हो पाया है। ऐसे में कांट्रैक्टर का पेमेंट रोकने के साथ ही कार्रवाई करने का आदेश भी उन्होंने दिया है। साथ ही कांट्रैक्टर को अब तक किए गए पेमेंट की जानकारी भी मांगी है।

आरसीसी ड्रेनेज का काम अधूरा

उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि डीपीआर में दिखाए गए डीप बोरिंग की जगह ब् इंच की सामान्य बोरिंग कराई गई है, और उसकी लागत ख् लाख फ्0 हजार रुपए बताई गई है। जबकि चार इंच बोरिंग कराने में एक लाख क्म् हजार रुपए ही खर्च आ रहे हैं। यह पैसे की बर्बादी है। वहीं, आरसीसी ड्रेनेज का काम भी अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। इसके अलावा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने तीसरी डीपीआर से काम कराने की बात कही है, जिसमें पार्किग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि किस प्रावधान के तहत डीपीआर में चेंज किया गया है।

काम में बाधा न डालें, दोषियों पर कार्रवाई करें: डिप्टी मेयर

डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने डिस्टिलरी तालाब का मेयर द्वारा इंस्पेक्शन किए जाने पर कहा कि अगर काम में गड़बड़ी है, तो कांट्रैक्टर पर कार्रवाई की जानी चाहिए। काम में बाधा डालने की जरूरत नहीं है। अगर मेयर को लगता है कि उन्हें जन प्रतिनिधि होने के नाते काम देखना चाहिए तो देखें। इससे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन काम में अगर बाधा डालती हैं, तो यह साफ है कि वह विकास कार्य रोकना चाहती है।

डिस्टिलरी तालाब को मछली मार्केट न बनाएं (फोटो के साथ)

डेलिगेशन मेयर आशा लकड़ा से मिला। उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसमें डिस्टिलरी तालाब के ब्यूटीफिकेशन के नाम पर अनियमितता के बारे में बताया गया। साथ ही बताया गया कि डिस्टिलरी तालाब एक समय में वाटर लेवल को बनाए रखने में काफी कारगर था। लेकिन अपने स्वार्थ के लिए इसे ठेकेदारों की भेंट चढ़ा दिया गया। तालाब का लोगों ने अतिक्रमण कर लिया, लेकिन नगर निगम इसे रोकने में फेल साबित हुआ। इसके अलावा ज्ञापन के माध्यम से डिस्टिलरी तालाब की जमीन पर मछली मार्केट बनाए जाने को जनहित के विरुद्ध बताया। इस पर भी रोक लगाने के साथ ही घटिया निर्माण की जांच कराने की मांग मेयर से की गई है।