रांची(ब्यूरो)। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स मे बड़ी उम्मीद से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। लेकिन नर्सिंग स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। नर्सों की कमी का आलम यह है कि जनरल वार्ड में 15 मरीजों पर एक नर्स रहती हैं, जिससे मरीजों के इलाज में काफी परेशानी हो रही है।

हर दिन तीन हजार मरीज

रिम्स में लगभग ढाई हजार बेड हैं। यहां भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए सिर्फ 379 नर्स ही कार्यरत हैं। बता दें कि रिम्स में प्रतिदिन ओपीडी में तीन हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें काफी संख्या में मरीजों को विभिन्न वार्डों के साथ-साथ आईसीयू में भर्ती किया जाता है।

जरूरत से आधी भी नहीं हैं नर्सें

सामान्यत: आईसीयू वार्ड में दो बेड पर एक नर्स की आवश्यकता होती है। आईसीयू में अति गंभीर मरीजों का इलाज होता है। वहीं जनरल वार्ड में 6 से 7 मरीजों पर एक नर्स की आवश्यकता होती है। लेकिन रिम्स के जनरल वार्ज में 15 मरीजों पर एक नर्स है। इससे नर्सों के साथ-साथ भर्ती मरीजों को काफी परेशानी होती है। रिम्स मे 900 नर्स की जरूरत है, जिसमें सिर्फ 379 नर्स ही कार्यरत हैं। रिम्स में आने वाले मरीज के परिजन कहते हैं कि नर्सों की कमी की वजह से मरीजों को समय पर दवा नहीं मिल पाती है। अमूमन लंबे इंतजार के बाद नर्स मरीज के पास पहुंचती है।

स्टूडेंट्स कर रही हैैं काम

नर्सों की कमी की वजह से इनडोर में एडमिट मरीजों को टाइम से दवाएं और इंजेक्शन नहीं मिल पाती। इस चक्कर में कई बार मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। फिलहाल रिम्स नर्सिंग कॉलेज की स्टूडेंट्स को भी इनडोर में ड्यूटी पर लगाया गया है। जो मैनपावर की कमी को कवर कर रही हैं। नर्सों की बहाली की प्रक्रिया के बाद हॉस्पिटल की स्ट्रेंथ मजबूत होने की उम्मीद है।

इनडोर में रहते है 1500 मरीज

हॉस्पिटल में हमेशा 1500 मरीज एडमिट रहते हैं। कई बार तो बेड से अधिक मरीज होने की स्थिति में जमीन पर बेड लगाकर उनका इलाज किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हॉस्पिटल से मरीजों को किसी भी हाल में नहीं लौटाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन मरीजों की देखभाल के लिए मैनपावर आधे भी नहीं है।

294 फीमेल और 74 मेल नर्स की होगी बहाली

रिम्स में कई वर्षों से नर्स की कमी है। ऐसे में रिम्स राज्य का पहला ऐसा हॉस्पिटल होगा, जहां पर अब मेल और फीमेल नर्स होंगे। जीबी में कुल 370 नर्सों की बहाली करने पर सहमति बनी। एम्स की तर्ज पर यहां भी नर्सों की बहाली होगी, जिसमें 370 सीटों में 80 परसेंट सीटों पर महिला और 20 परसेंट सीटों में पुरुष नर्स बहाल किए जाएंगे।

फिलहाल हॉस्पिटल के लिए करीब 900 नर्स की जरूरत बताई गई है। इसके आधार पर ही हमें नर्सों की बहाली करनी है। पहले से रिम्स में 379 नर्स है। वहीं नए नर्सों की बहाली होने वाली है, तत्काल नर्सों की बहाली कर उन्हें ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।

डॉ शैलेश कुमार त्रिपाठी, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट, रिम्स