RANCHI: फिजिकल कोर्ट की मांग को लेकर सांकेतिक विरोध के बहाने बार एसोसिएशन के पदाधिकारी बुधवार को आपस में ही भिड़ गए। एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभू प्रसाद अग्रवाल की मौजूदगी में मर्यादा तार-तार होती रही। गाली-गलौज से शुरू हुआ विवाद एसोसिएशन पदाधिकारियों के बीच हाथापाई तक पहुंच गया। यह सबकुछ बुधवार को हुआ बार एसोसिएशन कार्यालय के नीचे। दरअसल, फिजिकल कोर्ट की मांग को लेकर 11 बजे के आसपास दर्जनों अधिवक्ता सिविल कोर्ट के बाहर सांकेतिक विरोध कर रहे थे। नेतृत्व बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रशासन पवन रंजन खत्री और बार कौंसिल के सदस्य संजय विद्रोही कर रहे थे। वहीं, दूसरा गुट विरोध-प्रदर्शन को अनैतिक बता रहा था। इसी मुद्दे पर तकरार बढ़ गई। विरोध-प्रदर्शन को लेकर दूसरे गुट के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष शंभू प्रसाद अग्रवाल से शिकायत की। शाम चार बजे कामकाज निपटाने के बाद पवन रंजन खत्री को बार एसोसिएशन ऑफिस के समीप बुलाया गया। खत्री के पहुंचते ही उनके साथ बार एसोसिएशन के अभिषेक भारती, कोषाध्यक्ष अमर प्रसाद सहित अन्य की गरमागरम बहस शुरू हो गई। अभिषेक व अमर प्रसाद ने एसोसिएशन की सहमति के बिना विरोध-प्रदर्शन करने पर सवाल उठाए तो मामला बिगड़ गया। देखते-देखते दोनों पक्ष एक दूसरे को गाली देने लगे। मौके पर मौजूद अन्य अधिवक्ताओं के हस्तक्षेप से विवाद शांत हुआ।

सांकेतिक विरोध से बार एसोसिएशन कोई वास्ता नहीं : सचिव

बार एसोसिएशन के सचिव कुंदन प्रकाशन ने कहा कि सांकेतिक विरोध प्रदर्शन से बार एसोसिएशन का कोई लेना-देना नहीं है। जबतक बार एसोसिएशन की बैठक में तय नहीं हो जाता है कोई कुछ करे, उसका व्यक्तिगत मामला है। जहां तक मारपीट का विषय है तो उस समय हम कोर्ट में नहीं थे। मुझे कुछ भी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो ये गलत है।

अधिवक्ताओं के हित की बात अपराध है तो करते रहेंगे : पवन रंजन खत्री

बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव पवन रंजन खत्री ने कहा कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बुलावे पर वे एसोसिएशन कार्यालय पहुंचे। कार्यालय के नीचे खड़े कोषाध्यक्ष अमर प्रसाद व अन्य गाली-गलौज करने लगे। अगर अधिवक्ताओं के हितों की बात करना गलत है तो हम यह गलती करते रहेंगे।