रांची: एक ओर जहां सरकार पर्यावरण का हवाला देकर पेड़-पौधे लगाने की अपील करती है। वहीं, राजधानी रांची के एचईसी इलाके में रात के अंधेरे में 500 से अधिक हरे-भरे पेड़ काट डाले गए। इसको लेकर बिजली ऑफिस के पास शनिवार को स्थानीय लोगों ने काफी हंगामा किया। स्थानीय लोग एवं एलएनटी के पदाधिकारियों के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। दरअसल, धुर्वा एसबीआई बिजली मुख्यालय की ओर जाने वाले रास्ते को चौड़ा करने के नाम पर सैकड़ों पेड़ काट दिए गए। शुक्रवार की रात से ही पेड़ काटे जा रहे था। स्थानीय कामेश्वर सिंह के हस्तक्षेप के बाद पेड़ काट रहे लोग वहां से भाग गए। लेकिन शनिवार की सुबह एक बार फिर पेड़ काटने का सिलसिला शुरू हो गया। फिर एक बार कामेश्वर सिंह पहुंचे और इसका विरोध करने लगे। देखते-देखते मामला काफी बढ़ गया। एलएनटी के कर्मचारी और लोकल लोग आमने-सामने हो गए। लोग लगातार पेड़ काटने का विरोध कर रहे थे। एलएनटी के पदाधिकारी परमिशन लेकर पेड़ काटने की बात कर रहे थे। भारी विरोध के बाद एलएनटी के लोग पीछे हटे और पेड़ काटना बंद हुआ।

पांच सौ अधिक काट डाला पेड

बिजली मुख्यालय के सामने पांच सौ से अधिक की संख्या में पेड़ काट दिए गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि शुक्रवार की रात अंधेरे का फायदा उठाकर पेड़ काटा जा रहा था। लगभग ढाई सौ पेड़ शाम को काट दिए गए। वहीं शनिवार को भी ढाई सौ की संख्या में पेड़ काटे गए। हरा-भरा पेड़ कुछ ही देर में बर्बाद कर दिया गया। पेड़ काट कर इसे एलएनटी कंपनी के कर्मचारी अपने स्टोर में ले गए। पूछने पर बताया कि बाद में वन विभाग के डीपो में जमा कर दिया जाएगा। वहीं, लोकल लोगों ने बताया कि इस स्थान पर रोड चौड़ा करने की कोई जरूरत ही नहीं है। यह रोड पहले से ही 30 फीट का है। इधर से सिर्फ बिजली विभाग और एचईसी के इंम्पलॉई का ही आना-जाना होता है। कोई हेवी व्हीकल इधर नहीं आते कि रोड को ज्यादा चौड़ा करने की जरूरत है। रोड चौड़ा करने के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं।

1989 में लगाया गए थे पेड़

एचईसी परिसर में रहने वाले लोगों ने 1989 में पेड़ लगाया गया था। पर्यावरण को हरा-भरा रखने के उद्देश्य से पेड़ लगाए गए थे। उस वक्त बच्चे-बूढे़ समेत अन्य सभी लोगों ने मिल कर पौधा लगाया था जो आज हरा-भरा पेड़ बन चुका है। जिसे कुछ लोग गलत मंशा से काटना चाहते हैं। कंपनी के कर्मचारियों ने सैकड़ों पेड़ एक झटके में काट दिए। मौजूद लोगों ने बताया कि हरा-भरा पेड़ एक झटके में कटता देख काफी बुरा लगा। जिसे अपने परिश्रम से सींच कर बड़ा किया था। उसे कोई और अपने फायदे के लिए काट कर ले जा रहा है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

मुझे मिल रही है धमकी

पेड़ काटने से रोकने पर मुझे अब कंपनी के लोगों द्वारा धमकी दी जा रही है। मुझ पर केस और मुकदमा कराने की बात कही जा रही है। जिस पेड़ को हमलोगों ने प्यार से लगाया है उसे भला कैसे कटने दे सकते हैं। रोड चौड़ा करने के नाम पर ये लोग यहां गलत कर रहे हैं। एक ओर सरकार पेड़ लगाने की बात करती है वहीं दूसरी और सरकार के ही मुलाजिम पेड़ काटने का काम कर रहे हैं।

-कामेश्वर सिंह, स्थानीय

वन विभाग से परमिशन लेकर पेड़ काटे जा रहे हैं। ज्यादातर यूकेलिप्टस के पेड़ हैं। इस सड़क को चौडा करना है, जिसके लिए स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन की ओर ये कॉन्ट्रैक्ट पर काम दिया गया है, जितने पेड़ काटे जाएंगे उसका दस गुणा ज्यादा पेड़ उसी इलाके में लगाया जाएगा।

-सबा अंसारी, डीएफओ रांची