रांची (ब्यूरो)। आरकेडीएफ विश्वविद्यालय की इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आरके डीएफ विश्वविद्यालय भोपाल के प्रबंधन निदेशक डॉ बी एन सिंह उपस्थित हुए उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और मानव जीवन को एक दूसरे का पूरक कहा है। आरके डीएफ विश्वविद्यालय रांची के कुलपति महोदय डा एस चटर्जी ने कहा स्वयं को सुविधासम्पन्न करने के लिए पर्यावरण को हम सभी विपन्न कर रहे हैं यह प्रकृति के लिए और मानव समुदाय के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। कुलसचिव महोदय डॉ अमित कुमार पांडे ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण हमारी धरोहर है इनका संरक्षण हम सबका कर्तव्य है।

आरयू हिंदी के एक्स एचओडी

इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में रांची विश्वविद्यालय रांची के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ जंग बहादुर पांडे ने अपने वक्तव्य में कहा कि पर्यावरण हमारे चहू ओर आच्छादित है इससे सम्पूर्ण जीव और जगत जुड़ा है इसका संरक्षण में ही मानव जीवन का संरक्षण है। मुख्य वक्ता केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के अंग्रेजी विभाग के संकायाध्यक्ष डॉ बीपी सिन्हा ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रकृति और पर्यावरण से जुडऩे का मतलब है अपनी सभ्यता और संस्कृति से जुडऩा तभी हमारा वजूद कायम रह सकता है। डॉ राजीव रंजन श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापक स्नातकोत्तर भूगोल विभाग संत जेवियर महाविद्यालय रांची इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा मनुष्य जन्म से लेकर अंतिम क्षण तक प्रकृति समाज और साहित्य से जुड़ा रहता है। डॉ अमरीश गौतम अमेठी विश्वविद्यालय झारखंड उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की मानव जीवन ईश्वर का दिया हुआ वरदान है प्रकृतिऔर पर्यावरण से जुड़कर ही हम सब की पहचान है।

मनुष्य आदि काल से ही प्रकृति के निकट

प्राध्यापक डॉ जेपी खरे स्नातकोत्तर विभाग राजनीति विज्ञान रांची विश्वविद्यालय रांची इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि मनुष्य आदि काल से ही प्रकृति के निकट रहा है उनकी रक्षा करता आया है और वर्तमान में भी हमें उन्ही विचारों को अपनाना चाहिए। जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनाया था।

इस संगोष्ठी में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों के शोधार्थी गण उपस्थित हुए बिहार, मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ,लखनऊ, झारखंड आदि। इस संगोष्ठी में 50 शोध आलेख प्रस्तुत किया गया.मंच संचालन का कार्य हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ ललिता कुमारी ने किया। इस अवसर पर आरकेडीएफ विश्वविद्यालय की शैक्षणिक निर्देशिका डॉ अनिता कुमारी परीक्षा नियंत्रक डॉ कुमकुम ख्वास, कला एवं मानविकी संकाय अध्यक्ष डॉ शीतल टोप्पनो, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ निभा रानी पांडे, राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ रेणुका पोद्दार, अभियांत्रिकी संकाय अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन, प्रबंधन संकाय अध्यक्ष डॉक्टर सोमनाथ रॉय, ज़ैव प्रौद्योगिकी संकाय अध्यक्ष डॉक्टर स्नेहा पांडे, सराय में प्रबंधन निदेशक पंकज चटर्जी, विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक प्राध्यापिका वृंद एवं समस्त सहकर्मी इस संगोष्ठी में मौजूद हुए।