- जर्जर वाहन में फूड स्टॉल लगाने पर नगर निगम करेगा कार्रवाई

- 25 हजार रुपए फाइन का प्रावधान

- लाइसेंस बनाने में हो रही दिक्कत को देखते हुए लिया गया निर्णय

जर्जर वाहन में फूड स्टॉल लगाने पर अब कार्रवाई होगी। सिटी के सभी फूड वैन की लिस्ट तैयार की जा रही है, जल्द ही कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी। यह आदेश रांची नगर निगम की ओर से जारी किया गया है। दरअसल नगर निगम के पास लगातार जर्जर वैन में फूड स्टॉल लगाने की शिकायत आ रही थी। इस पर कार्रवाई करते हुए निगम ने सभी जर्जर वाहन को रिप्लेस करने को कहा है। राजधानी रांची में फूड वैन कल्चर काफी तेजी से बढ़ा है। खासकर इन फूड वैन में चाइनीज खाने परोसे जा रहे हैं। सिटी के अलग-अलग लोकेशन में फूड वैन की भरमार हो गई है। रेट कम होने की वजह से यहां कस्टमर की भीड़ भी रहती है। ज्यादा यूथ व स्टूडेंट्स का जमावड़ा इन वैन के आसपास रहता है। कंडम वैन में खाना खिलाने की वजह से कुछ लोगों के तबियत बिगड़ने की भी शिकायत आ चुकी है। इसके बाद नगर निगम अब कार्रवाई करने जा रहा है।

पेपर्स भी नहीं होते वैन के

कंडम हो चुके वैन का किसी तरह का पेपर नहीं होता, जिस वजह से इनका लाइसेंस नहीं बन पाता है। फूड वैन के लाइसेंस के लिए गाड़ी का पेपर और इंश्योरेंस होना जरूरी है। लाइसेंस देने में आ रही दिक्कत को देखते हुए नगर निगम कंडम वैन में संचालित फूड स्टाल को बंद करने का आदेश दिया है।

कबाड़ को बना देते हैं वैन

सड़कों के किनारे चलंत रेस्टोरेंट खोलने वाले कहीं से भी कंडम हो चुकी गाड़ी दस-बीस हजार में खरीद लेते हैं और उसे कलरफुल बना दिया जाता है। इसके बाद वैन के पिछले हिस्से में खाना पकाने के लिए स्पेस तैयार किया जाता है। इस तरह फूड वैन तैयार कर लिया जाता है। वैन के बाहर कुर्सी और टेबल लगा कर रेस्टोरेंट का लुक दे दिया जाता है। इन फूड वैन के बाहर बैठकर खाना खाना काफी रिस्की होता है। जर्जर वाहन से कई प्रकार के खतरनाक कैमिकल का रिसाव होता रहता है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वहीं इन वैन में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला, ऑयल और दूसरे सामान में भी मिलावट की शिकायत रहती है। फूड वैन के ओनर के लिए एफएसएसएआई सर्टिफिकेट के साथ-साथ नगर निगम का लाइसेंस लेना भी अनिवार्य है। लेकिन सिटी में नाम मात्र के ही फूड वैन के पास लाइसेंस है।

लाइसेंस के लिए गाड़ी का पेपर अनिवार्य

निगम के एक अधिकारी ने बताया कि सिटी के डिफरेंट लोकेशन पर 500 से अधिक फूड वैन हैं। नगर निगम की ओर से सभी वैन का सर्वे कराकर लिस्ट तैयार किया जाएगा। जो फूड स्टॉल कंडम या जर्जर स्थिति में पाए जाएंगें उनपर उनपर 25 हजार रुपए तक फाइन किया जाएगा। वहीं सभी फूड वैन ओनर को लाइसेंस भी लेना जरुरी है। सिटी में लगने वाले फूड वैन में दस प्रतिशत के पास भी लाइसेंस नहीं है। अधिकतर लोगों के पास गाड़ी के पेपर नहीं हैं, जिस कारण लाइसेंस नहीं बन पा रहा है। अबतक 50 लोगों ने ही लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है। इसमें 20 को लाइसेंस निर्गत किया गया है। राजधानी के मोरहाबादी ग्राउंड में सबसे ज्यादा फूड वैन लगते हैं। इसके बाद जेल मोड़, डोरंडा, कडरू, मेन रोड, रातू रोड, बरियातू व अन्य इलाकों में भी फूड वैन लगना शुरू हो चुका है।