रांची: अभी राजधानी की प्रमुख सड़कों पर लोगों का चलना-फिरना दूभर हो रहा है। लेकिन अब यह परेशानी खत्म होने वाली है। क्योंकि सड़कों की देखरेख और मरम्मत करने वाला पथ निर्माण विभाग के पास ये सड़कें चली गई हैं। पहले ये सड़कें स्मार्ट बनाने के लिए नगर विकास विभाग को दे दी गई थीं। लेकिन ना तो ये सड़कें स्मार्ट बन पाई और ना ही पहले जैसी रह पाई। कई साल से इनकी मरम्मत भी नहीं हुई थी, जिसके कारण हर सड़क पर बड़े-बड़े गढ्डे बन गए थे। अब पथ निर्माण विभाग में इन सड़कों को नगर विकास से वापस ले लिया है और समय-समय पर इसकी मरम्मत भी होगी।

जुडको ने वापस की सड़कें

स्मार्ट रोड बनाने के लिए राजधानी की चार सड़कों को जुडको को सौंपा गया था। पर, अब जुडको ने इन सभी सड़कों को पथ निर्माण विभाग को वापस कर दिया है। अब पथ निर्माण विभाग खुद इन सड़कों का काम करेगा। जुडको के पास जाने से पहले यह सभी सड़कें पथ निर्माण विभाग के अधीन थीं। पथ निर्माण विभाग के पास सड़क रहने के कारण समय-समय पर विभाग इनकी मरम्मत भी करता था। लेकिन 2 साल पहले जब इन सभी सड़कों को नगर विकास विभाग को हैंड वर्क किया गया, उसके बाद से सड़कों को स्मार्ट बनाने के लिए सिर्फ कागजी कार्रवाई ही होती रही। जमीन पर कुछ भी स्मार्ट काम नहीं किया गया। नतीजा यह हुआ कि 2 साल में देखरेख और मरम्मत के अभाव में सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गईं।

शुरू हुई रिपेयरिंग

राजभवन से बरियातू होते हुए बूटी मोड़ तक सड़क की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। यह सड़क साढ़े 8 किलोमीटर लंबी है। एक करोड़ रुपये की लागत से इसकी मरम्मत होनी है। इस सड़क के निर्माण का जिम्मा दो ठेकेदारों को सौंपा गया है। दोनों को 50 -50 लाख का ठेका सौंपा गया है। दीपावली से पहले इस सड़क के गढ्डे भरवा दिए गये थे। अब इस सड़क का जीर्णोद्धार शुरू होगा। पथ निर्माण विभाग का कहना है की छठ की वजह से जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं किया जा रहा था। अब छठ पर्व खत्म होने के बाद इसका काम शुरू होगा। जीर्णोद्धार के बाद पूरी सड़क चकाचक हो जाएगी।

इन सड़कों को बनाना था स्मार्ट

-एयरपोर्ट से बिरसा चौक तक 3 किलोमीटर लंबी सड़क।

-बिरसा चौक से किशोरगंज होते हुए राजभवन तक साढ़े 8 किलोमीटर तक की सड़क

-राजभवन से लालपुर होते हुए कांटाटोली चौक तक 4 किलोमीटर तक की सड़क

-राजभवन से बरियातू होते हुए बूटी मोड़ तक साढ़े आठ किलोमीटर तक की सड़क

लोगों के विरोध के कारण नहीं मिली जमीन

राजधानी की सड़कें स्मार्ट हो सकें, इसके लिए सड़कों की चौड़ाई को बढ़ाया जाना था। चौड़ाई को 29- 29 मीटर तक करना था। इसके साथ ही एक मीटर डिवाइडर भी बनाना था पर लोगों के विरोध और जमीन नहीं मिलने के कारण योजना को बंद कर दी गई। जुडको की ओर से गवर्नर हाउस से सर्कुलर रोड होते हुए लालपुर चौक से कांटा टोली तक सड़कों को स्मार्ट बनाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया। लेकिन लोगों ने जमीन देने से इनकार कर दिया। जब विभाग की ओर से सर्वे कराया गया तो यह बात सामने आई कि इतने व्यस्त रोड में सड़कों को चौड़ा करने के लिए जमीन मिलना संभव नहीं है। उसके बाद विभाग ने भी इसे स्मार्ट सड़क बनाने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसलिए इन सड़कों को वापस पथ निर्माण विभाग को दे दिया गया है।

कुछ सड़कों का काम पूरा करने में होगी देरी

विभाग के सूत्रों का कहना है कि फंड की कमी के कारण अभी राजभवन से लालपुर होते हुए कांटा टोली तक जानेवाली सड़क की मरम्मत में देरी होगी। जानकारी हो कि ये चारों सड़कें पहले पथ निर्माण की ही थी, पर स्मार्ट सड़क बनाने के लिए जुडको को सौंपी गयी थीं।